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प्रवक्ताओं की कमी से जूझ रहा पलिया का डिग्री कॉलेज

पलियाकलां (लख मपुर) : जिले के एकमात्र राजकीय महाविद्यालय श्री गुरूगो¨वद ¨सह डिग्री कॉलेज की ह

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 11:28 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 11:28 PM (IST)
प्रवक्ताओं की कमी से जूझ रहा पलिया का डिग्री कॉलेज
प्रवक्ताओं की कमी से जूझ रहा पलिया का डिग्री कॉलेज

पलियाकलां (लख मपुर) : जिले के एकमात्र राजकीय महाविद्यालय श्री गुरूगो¨वद ¨सह डिग्री कॉलेज की हालत बद से बदतर होती चली जा रही है। शिक्षा का लगातार गिरता स्तर, प्रवक्ताओं की कमी और जनप्रतिनिधियों द्वारा इस ओर ध्यान न दिए जाने की वजह से युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। पूर्व मंत्री और वर्तमान में निघासन से विधायक रामकुमार वर्मा के प्रयासों से वर्ष 2000 में यहां डिग्री कॉलेज की स्थापना हुई थी। शुरूआत में बीए और बीकाम की कक्षाओं का संचालन हुआ इस उम्मीद के साथ कि कुछ सालों में यहां परास्नातक कक्षाएं चलेंगी और साइंस की मान्यता मिलते ही बीएससी के लिए छात्रों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन इंतजार इतना लंबा ¨खचा कि आज तक यहां पर साइंस की कक्षाओं का संचालन शुरू नहीं हो सका है। वहीं परास्नातक की कक्षाएं भी सपना बनकर रह गई। कॉलेज में प्रवक्ताओं की कमी, प्राचार्य की कुर्सी का खाली होना और इन सबसे जनप्रतिनिधियों की बेरूखी ही असली वजह है कि कॉलेज आज बद से बदतर अवस्था में पहुंचता दिख रहा है। कॉलेज में प्रथम बैच के छात्र रहे अधिवक्ता डॉ.फजल अहमद खान का कहना है कि वे 2003 में कॉलेज से निकले थे और प्रथम श्रेणी में पास भी हुए थे, वे कॉलेज के गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे। उस समय हर विषय के विशेषज्ञ टीचर यहां हुआ करते थे। सीटे भी कम थीं। इस वजह से कक्षाओं का संचालन नियमित रूप से होता था। कॉलेज का माहौल बेहद अच्छा था। 2003 के बाद भी यहां से लगातार अच्छे नंबर से बच्चे पास हुए और अपना भविष्य बेहतर बनाया। हालांकि 2008 के बाद एकाएक व्यवस्था खराब दौर में पहुंच गई। यहां इस समय भूगोल, इतिहास और होम साइंस के विशेषज्ञ टीचर ही नहीं है। कॉमर्स, संस्कृत और ¨हदी के प्रवक्ता हैं भी तो उनका स्थानांतरण हो चुका है, लेकिन किसी नए प्रवक्ता की नियुक्ति न होने की वजह से अभी उन्हें रिलीव नहीं किया गया है।

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