सर्जन और एनेस्थेटिक न होने से मरीजों को परेशानी
पलियाकलां (लखीमपुर): पलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ पदों के खाली रहने की वजह से
पलियाकलां (लखीमपुर): पलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ पदों के खाली रहने की वजह से इलाकों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। भले ही हाल के वर्षों में यहां कुछ पदों पर तैनाती हुई हो, लेकिन अभी भी महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं जिसका खामियाजा यहां आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ता है। वर्तमान में यहां सबसे बड़ी दिक्कत सर्जन के न होने की वजह से है। यहां पर अंतिम सर्जन डॉ. सतीश कुमार थे। उसके पास तीन साल होने को हैं अभी तक इस पर तैनाती नहीं हो पाई है। स्थिति ये है कि मामूली घायलों को भी सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। अच्छी बात ये कि यहां पर संविदा पर फिजीशियन हैं जिससे रूटीन बीमारी के मरीजों को लाभ मिल रहा है। संविदा पर ही गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. शिल्पी की तैनाती है। हालांकि एनेस्थेटिक के न होने की वजह से उन्हें भी गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन को लेकर सोच-विचार करना पड़ जाता है। दरअसल संविदा पर यहां एनेस्थेटिक के पद पर मनीष कुमार की तैनाती है, लेकिन वे करीब एक महीने से मेडिकल पर गए हुए हैं। बताया जाता है कि उन्हें यहां का माहौल व अस्पताल में होने वाली राजनीति में फंसाया गया है और इस वजह से उन्होंने अस्पताल से दूरी बना ली। इसके अतिरिक्त अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ का पद भी खाली चल रहा है। इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक डॉ. एसके चौधरी ने बताया कि खाली पदों पर तैनाती के लिए पत्राचार किया जा रहा है।