लग्जरी बस से निकले भाजपाई खेमे के 38 सदस्य, सपा ने गाड़ियों से ढोया
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा व भाजपा के बीच एक-एक सदस्यों को अपने पाले में रोकने की
लखीमपुर: जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा व भाजपा के बीच एक-एक सदस्यों को अपने पाले में रोकने की चुनौती थी। हर सदस्य पर पिछले कई दिनों से नजर रखी जा रही थी। शनिवार को जब मतदान शुरू हुआ तो दोनों दलों के नेता अपने-अपने सदस्यों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचने लगे। ये सत्ता के दम का ही जहूरा था कि जिस परिक्षेत्र में पैदल भी लोगों को जाने नहीं दिया जा रहा था, वहां भाजपाई सदस्यों को लेकर चमचमाती हुई पूरी बस ही पहुंच गई। बस से एक-एक कर 38 सदस्य निकले, जिन्हें पूरब की दिशा से कलेक्ट्रेट में सम्मानपूर्वक प्रवेश दिलाया गया। इन सभी सदस्यों को वोट डालने के लिए जिला मजिस्ट्रेट कक्ष में लाइन में खड़ा होना जरूरी था। वहीं दूसरी ओर सपा के नेता लग्जरी गाड़ियों से अपने सदस्यों को लेकर पिछले गेट तक पहुंचे। मतदान की प्रक्रिया तेजी से चल रही थी, इसलिए सदस्यों को ज्यादा देर इंतजार नहीं करना पड़ा।
गड़बड़ी की आशंका से आखिरी तक आक्रामक रही सपा जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर हुए चुनाव में सपा शुरू से आक्रामक रही। 26 जून को नामांकन के समय भी सपा ने शक्ति प्रदर्शन किया था। उस दिन भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ नारेबाजी की थी। शनिवार को जब मतगणना थी, तब सपा के हजारों कार्यकर्ता शहर में जगह-जगह फैले हुए थे। नौरंगाबाद चौराहे पर जिलाध्यक्ष रामपाल यादव, एमएलसी शशांक यादव, उदयभान सिंह यादव, मुन्ना यादव, लोहिया भवन पर जिला महामंत्री अंसार महलूद सहित कार्य डटे हुए थे। सौजन्या चौराहे पर सपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ थी। सपा को शुरू से आशंका थी कि गड़बड़ी कराई जा सकती है। एक सपा नेता का कहना था कि गलियों तक में कार्यकर्ता मौजूद हैं, लेकिन उनके वोट लगातार पड़ रहे थे। कहीं कोई रूकावट नहीं की गई। हालांकि सपा जिलाध्यक्ष रामपाल यादव ने कहा कि वह भाजपा से चुनाव नहीं लड़ रहे थे, बल्कि शासन-प्रशासन से चुनाव लड़ रहे थे। डीएम-एसपी की दखल के बावजूद हमें 31 मत मिले हैं। इससे पार्टी की लोकप्रियता और बढ़ी है।