इकलौते सरकारी डिग्री कॉलेज में बिना शिक्षक के ही पारंगत हो रहे छात्र
स्टोरी ऑफ द डे -पिछले कई वर्षो से ऐसे ही चल रही है ऐसी ही व्यवस्था -1500 छात्र छात्राओं का अधर में लटका है भविष्य भी फोटो नंबर 01 हरीश श्रीवास्तव पलिया कलां (लखीमपुर) जिला मुख्यालय से कोई अस्सी किलोमीटर दूर जिले के इकलौते सरकारी डिग्री कालेज में शिक्षा की गुणवत्ता के क्या कहने।
लखीमपुर: जिला मुख्यालय से कोई अस्सी किलोमीटर दूर जिले के इकलौते सरकारी डिग्री कालेज में शिक्षा की गुणवत्ता के क्या कहने। यहां नौ विषयों में पांच के प्रवक्ता ही लंबे अरसे से नहीं है। इतना ही नहीं यहां प्रधानाचार्य तक की तैनाती स्थायी नहीं वह भी काम चलाऊ ही तैनात हैं। जो चार शिक्षक हैं उनमें ही एक प्रभारी प्राचार्य भी हैं। जिले के इकलौते श्री गुरु गोविद सिंह राजकीय महाविद्यालय में बिना विषय शिक्षक के सैकड़ों छात्र पढ़ाई कर रहे है। वे पढ़ाई कैसे करते है यह कोई नही जानता और न ही जानने की कोशिश की जा रही है। महा विद्यालय में पांच विषयों के शिक्षक नहीं है। यहां तक कि स्थाई प्राचार्य भी नहीं है।
राजकीय महाविद्यालय में बीए व बीकाम सहित कुल नौ विषयों की मान्यता है। बीकाम को छोड़कर प्रत्येक विषय में 100 बच्चों का एडमीशन लिया जाता है। बीए प्रथम वर्ष में 900 व बीकाम में 180 सीटों पर प्रवेश लिया जाता है और इस वर्ष लिया भी गया है। महाविद्यालय में तीनों साल के मिलाकर करीब 3200 छात्र शिक्षा ग्रहण करते है। इनमे से करीब 1500 बच्चे ऐसे है जो बिना किसी शिक्षक के शिक्षा ग्रहण कर रहे है। यह स्थित वर्षो से है। इसमे कोई बदलाव नही हो पा रहा है, वजह यह कि न तो शासन और न ही जनप्रतिनिधि इस मामले में रुचि ले रहे है।
केवल चार विषय के मौजूद हैं शिक्षक
हिदी के नंद किशोर चौधरी
संस्कृत के सूर्य प्रकाश शुक्ल
गृह विज्ञान की पूनम सोनकर
वाणिज्य विषय के लिए वसीम खान
इन विषयों के नही हैं शिक्षक
महाविद्यालय में समाजशास्त्र, इतिहास, भूगोल, अंग्रेजी, व शारीरिक शिक्षा विषय के शिक्षक उपलब्ध नही है।
क्या कहते है जिम्मेदार
डीआइओएस डॉ. आरके जायसवाल का कहना है कि डिग्री कॉलेज पलिया में शिक्षकों की कमी का मामला उनके संज्ञान में है। शासन से लगातार पत्राचार किया जा रहा है। जल्दी ही वहां पर शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा। तब तक छात्र स्वाध्याय से ही अपना काम चला रहे हैं।