कई सौगातें लेकर आ रहा नया साल 2019..
लखीमपुर : इस साल भी लोगों को नए साल का इंतजार था कि उनको इस बार क्या मिलने वाला है। ये इंतजा
लखीमपुर : इस साल भी लोगों को नए साल का इंतजार था कि उनको इस बार क्या मिलने वाला है। ये इंतजार भी पूरा हुआ और शहर समेत जिले भर को कई सौगातें मिलने जा रहीं हैं। शहर की सड़कों पर अब न तो कचरे के ढेर नजर आएंगे और न ही दुर्गध। साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से शहर के बाहर कूड़ा निस्तारण यंत्र लगाया जाएगा, जिसमें कचरे से खाद भी बनाई जाएगी। वहीं जिले के करीब पांच हजार बुजुर्गो को सहारे की पेंशन भी इसी नए साल से मिलने जा रही है जिसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई है। उधर सड़कों के किनारे, सुनसान जगहों पर मिलने वाले यतीम नवजातों को भी इस साल से सरकार अपनेपन का अहसास कराते हुए उनको भी पालना में झुलाएगी। पेश हैं नए साल में मिलने वाली सौगातों पर खास रिपोर्ट :-
22 एकड़ जमीन पर बनेगा कूड़ा निस्तारण प्लांट
शहर में दाखिल होने वाली करीब-करीब हर सड़क पर लगे बड़े-बड़े कूड़े के ढेर से अब सभी को निजात मिलने वाली है। नए साल 2019 में जिला प्रशासन व नगरपालिका परिषद के संयुक्त प्रयास से अब सारा कचरा निघासन रोड पर पर एक सरकारी जमीन पर एकत्र किया जाएगा। जल्दी ही निघासन रोड पर दुबग्गा बाजार के पास इस कचरा निस्तारण प्लांट का शुभारंभ होगा। एसडीएम सदर अरुण कुमार ¨सह व ईओ नगरपालिका अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि दुबग्गा बाजार के पास 22 एकड़ जमीन पर विशाल कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया जा रहा है जहां हर दिन आने वाले कूड़े को खाद में तब्दील किया जाएगा। साथ ही घरों के सेप्टिक टैंक का मलबा भी यहीं पर लगाए जाने वाले प्लांट में खाद के रूप में बदला जाएगा।
घोसियाना में बनेगा एसटीपी
शहर के नेताओं के भाषण व आश्वासन में अक्सर शामिल रहने वाली शहर की सीवर लाइन को भी इस साल मंजूरी मिल गई है। शहर से सटे घोसियाना गांव में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को जगह मिल गई है। नगरपालिका के ईओ अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि शहर की सबसे बड़ी सीवरलाइन की समस्या के लिए इस साल निजात मिलनी तय हो गई है क्योंकि प्लांट लगाने को जिस जगह की तलाश थी वह काम भी पूरा हो गया है। बहुत ही जल्दी सीवर लाइन पर भी काम शुरू हो जाएगा।
यतीम नवजात झूलेंगे पालना गृह के झूलों में
यतीम नवजात बच्चों के संरक्षण के लिए जिला अस्पताल में पालना गृह की स्थापना की गई है। इसमें एक साथ आधा दर्जन बच्चों को रखा जा सकता है। पिछले छह माह से जिला अस्पताल में पालना गृह तो बना है, लेकिन अभी तक किसी बच्चे को संरक्षण नहीं दिया गया है। जिला अस्पताल में यतीम और नवजात बच्चों को आसरा देने के लिए पालना गृह बनाया गया है। इनमें बीमार शिशुओं को ही इलाज के लिए रखा जाएगा। स्वस्थ होने के बाद उन्हें शिशुगृह में संरक्षण के लिए भेज दिया जाएगा। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो इन शिशुओं को अपने बच्चों की तरह पालन पोषण करना चाहते हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ.आर.के.वर्मा का कहना है कि जुलाई में इसकी शुरुआत हुई थी।
4700 और बुजुर्गो को इस साल मिलेगा पेंशन का सहारा
4700 बुजुर्गों को हर तिमाही 1200 रुपये वृद्धावस्था पेंशन मिलने का रास्ता साफ। फी¨डग की प्रक्रिया पूरी। इसमें 4007 ग्रामीण तथा 682 नगरीय क्षेत्र के लाभार्थी शामिल। ये वही लाभार्थी हैं, जिनका चयन मुख्यमंत्री के निर्देश पर गांव गांव लगाए गए कैम्प में किया गया था। जिला समाज कल्याण अधिकारी ओपी ¨सह ने बताया कि जिले में पहले से 83 हजार लोगों को वृद्धावस्था पेंशन मिल रही है। 1134 अनुसूचित जाति के गरीबों की बेटियों की शादी के अनुदान के लिए 2.26 करोड़ उनके खाते में भेजा गया। सामान्य वर्ग के 350 बुजुर्गों की फी¨डग जल्द होगी पूरी।