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अलम के साथ निकला सातवीं मुहर्रम का जुलूस

खीरी टाउन : सातवीं मुहर्रम का जुलूस बड़ी अकीदत व एहतराम के साथ निकाला गया। सुबह से ही

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 11:20 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 11:20 PM (IST)
अलम के साथ निकला सातवीं मुहर्रम का जुलूस
अलम के साथ निकला सातवीं मुहर्रम का जुलूस

खीरी टाउन : सातवीं मुहर्रम का जुलूस बड़ी अकीदत व एहतराम के साथ निकाला गया। सुबह से ही हजरत इमाम हुसैन की याद में अकीदतमंद अपने अपने हाथों में अलम लेकर दरगाह परिसर में जमा होने लगे। सुबह आठ बजे दरगाह शरीफ के सज्जादा नशीन सैय्यद मुमताज मियां की कयादत में सातवीं मुहर्रम का जुलूस तख्त व दुलदुल के साथ रवाना हुआ जो कस्बे के परंपरागत रास्तों से होता हुआ गुजरा जुलूस सबसे पहले दरगाह से शुरू होकर सुन्नी इमामबाड़ा पहुंचा। जहां लोगों ने हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मजलिस की मह़िफल सजाई और लंगर बांटा। जुलूस बाजार, अवधी टोला, बु़खारी टोला, हनिया टोला, होता हुआ देर शाम पुलिस चौकी के निकट मैदान में पहुंचा, जहां पर अकीदतमंदों में अलम को दांतों पर रखकर हैरतअंगेज कारनामे दिखाए। मैदान में लगे मेला के बच्चों ने झूलों का आनंद उठाया। इसके बाद जुलूस शाही किला के निकट इमामबाड़ा परिसर पहुंचा शिया समुदाय के लोगों ने जुलूस में शामिल होकर मातम किया। जुलूस देर शाम कस्बे के डीहपुर, कटरा, जोशी टोला, मुगली टोला होता हुआ सुन्नी इमामबाड़ा में समाप्त हुआ। इस मौके पर कस्बे की मरकजी कमेटी अंजुमन इस्लामिया के डॉक्टर मतलूब अहमद, ज्वाइंट सेक्रेटरी मो0 सईद खान, महबूब अहमद, सईद बेग, शकील अहमद, महताब खान, हाजी हाफिज अहमद हसन समेत हजारों लोग मौजूद रहे।

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महेवागंज : सातवीं मुहर्रम का जुलूस बड़ी अकीदत व एहतराम के साथ परंपरागत तरीके से निकाला गया मातमी धुन में ढोल व ताशों के साथ जुलूस, दलाल पुरवा, हाजीपुरवा होते हुए दहीर बाबा, रुद्रपुर, ओदरहना, होता हुआ देर शाम महेवागंज में समाप्त हुआ। जुलूस के दौरान जगह-जगह हजरत इमाम हुसैन की याद में मजलिसा ं की मह़िफल सजाई गईं। अकीदतमंदों में लंगर बांटा। इस मौके पर हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मातम किया और शहादत को याद किया जुलूस में हजारों लोगों ने शिरकत की क्वांडा से आए कारीगर बना रहे।

भीरा (लखीमपुर): मोहर्रम के मद्देनजर भीरा कस्बे में अकीदतमंदों में उत्साह देखने को मिल रहा है। मोहर्रम की सातवीं तारीख पर मंगलवार को ताजियों को अंतिम रूप देने का काम किया गया। यहां पर कारीगर आसिफ अली पुत्र बाबू हर साल की तरह इस बार भी ताजिया बना रहे हैं। वे बंडा के रहने वाले हैं और हर साल मोहर्रम पर यहां आकर ताजिया बनाते हैं। उनका ताजिया काफी आकर्षक और भव्य होता है। इस बार जो ताजिया वे बना रहे हैं उसकी लंबाई फिट और चौड़ाई 12 फिट रखी गई है। यह देखने में बेहद आकर्षक लगता है। ताजिया को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। मोहर्रम की नौ तारीख को इस ताजिया को करबला ले जाकर दफन किया जाएगा।


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