Lakhimpur Bus Accident: घायल-मृतकों पर भी नहीं आया दरिंदों को तरस, चुरा ले गए रुपये व मोबाइल
Lakhimpur Bus Accident लखीमपुर में पीलीभीत-बस्ती नेशनल हाईवे के ऐरा पुल पर बुधवार को भीषण सड़क हादसे में बस में सवार दस लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान जहां लोगों ने घायलों की मदद की वहीं कुछ लोग चोरी करने से बाज नहीं आए।
लखीमपुर, [दीपेंद्र मिश्र]। Lakhimpur Bus Accident: पीलीभीत बस्ती हाइवे पर बुधवार को हादसे के दौरान जब लोग मानवता की मिसाल पेशकर बस में फंसे घायलों को निकालने में जुटे थे। उसी समय इंसानों के वेष में कई गिद्ध भी वहां मौजूद थे। हादसे में घायल हुए दर्द से कराहते बिलखते और बेसुध सवारियों को लोगों को निकाल कर मदद कर रहे थे। ठीक इसी समय कुछ लोग हादसे में मर चुके यात्रियों की जेबें खाली करने में लगे थे।
दारोगा ने कहा था-सब मिल जाएगा
यह खुलासा हादसे के दूसरे दिन गुरुवार को हुआ। बस हादसे में मौत का शिकार हुए सुरेंद्र का भाई लालता बताता है कि सुरेंद्र के पास बड़ा मोबाइल, पर्स, कुछ रुपये और कागजात थे। जब उसके शव को एंबुलेंस में लादा जा रहा था तब एक दारोगा ने कहा था कि जो होगा सब मिल जाएगा। लेकिन बाद में पुलिस ने कहा यहां कुछ नहीं है। लालता ने बताया कि उसने सुरेंद्र के नंबर पर कई बार फोन किया। एक बार रिसीव हुआ फिर कटने के बाद स्विच ऑफ है।
वसीम ने लौटाए 50 हजार रुपये
बाजार वार्ड के सगीर की भी हादसे में मौत हुई है। खबर पाकर घरवालों के साथ धौरहरा से वसीम राइन पहुंचे थे। शव को उठाते समय वसीम को उसकी जेब से 50 हजार रुपये मिले। इन रुपयों से सगीर फेरी के लिए कपड़े खरीदने जा रहा था। वसीम ने यह रुपये घरवालों को दे दिए। लेकिन सगीर का मोबाइल किसी ने साफ कर दिया।
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घायल की जेब से निकाले 20 हजार रुपये
बाजार वार्ड के ही जितेंद्र और गोलू रस्तोगी दीवाली में बेचने के लिए आतिशबाजी खरीदने जा रहे थे। दोनों के पास 40 हजार रुपये थे। हादसे के बाद घायल गोलू को होश रहा, लेकिन जितेंद्र बेहोश हो गया था। इंसानी गिद्दों ने उसकी जेब से एंड्रायड मोबाइल और 20 हजार रुपये उड़ा दिए। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि पुलिस घटना के करीब एक घंटे बाद पहुंची थी। इतनी देर में मदद के लिए राहगीर और आसपास के ग्रामीण ही जुटे थे। शायद गिद्ध इन्हीं में शामिल थे।