'मनोगंगा' में अव्यवस्थाओं के बीच लगेगी आस्था की डुबकी
लखीमपुर: ऐतिहासिक मनोगंगा तीर्थ पर गंगा स्नान सहित अन्य पर्वों पर विशाल मेले का आयोजन होता ह
लखीमपुर: ऐतिहासिक मनोगंगा तीर्थ पर गंगा स्नान सहित अन्य पर्वों पर विशाल मेले का आयोजन होता है। यहां बने पौराणिक मंदिर के निकट पावन मनोगंगा सरोवर में लोग आस्था की डुबकी लगाने के बाद मंदिर में पूजन आदि अनुष्ठान करते हैं । उचौलिया कस्बे से कुछ दूरी पर बनकागांव के निकट मनोगंगा तीर्थ में कार्तिक पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। यहां के व्यवस्थापक अग्निवेश मिश्र मिश्र बताते हैं कि उनके पूर्वजों को लगभग सौ वर्ष पूर्व इस जंगल में बाबा बल्लीदास तपस्या करते मिले थे। उन्हीं की प्रेरणा से इस तपोस्थली पर मंदिर का निर्माण कराने के साथ ही मनोगंगा सरोवर बनवाया गया था। इस पवित्र सरोवर में देश की प्रमुख नदियों, सागर व कुंडों का जल भरा गया। इसी दौरान पीलीभीत जिले के घुंघुचई के राजा द्वारा संतान प्राप्ति की कामना के साथ इस कुंड में स्नान किया गया। उन्हें पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई। जिसके बाद से ही इस कुंड का नाम 'मनोगंगा' पड़ गया। राजा ने कुंड के निकट भव्य मंदिर के निर्माण के बाद शिव¨लग की स्थापना भी कराई।