कोरोना संकट में प्रवासियों के लिए मनरेगा बना खेवनहार
ने में जिलाधिकारी द्वारा पुरस्कृत व मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने जैसे काम करने वाले प्रधान विजेंद्र पटेल ने बताया कि बाहर से आने वाले प्रवासी कामगार नीरज उपेंद्र धर्मेंद्र विमल समेत अप्रैल में आने वाले 39 कामगारों को पहले कॉलेज में बने सेल्टर होम में 14 दिनों के लिए रखा गया।
लखीमपुर: कोरोना संकट के दौर में ग्रामीणों एवं प्रवासियों के लिए मनरेगा योजना जहां खेवनहार बनी हुई है। वहीं सतर्कता से कोरोना को मात भी दिया जा रहा है। तमाम उम्मीदों के साथ दूसरे प्रदेशों दिल्ली, उत्तरांचल, हरियाणा में वर्षों से खून पसीना बहाने गए लेकिन, लॉकडाउन के समय वहां से सबने मुंह फेर लिया। तो संकटकाल में पैदल या किसी प्रकार से चलकर वापस अपनी जमीन पर आए तो घर, परिवार, गांव के परिवेश में दिल को सुकून देने वाला अपनापन मिला। बाहर बिखरे परिवार जब अपनों के बीच एकत्र हुए तो गांव में सभ्यता, संस्कार, संस्कृति, सदभाव और मेलजोल का माहौल बना। ऐसे में सभी ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए खेती एवं मनरेगा योजना में प्रधान के द्वारा रोजगार निकाला। कुंभी की चार मजरों वाली हाइटेक ग्राम पंचायत परेली में कई प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल, इंटर कॉलेज, प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन, खेल मैदान, अंबेडकर पार्क, नाली, सीसी सड़कें, निर्माणाधीन मुक्तिधाम आदि सरकारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्वच्छता अभियान चलाकर गांव को ओडीएफ बनाने में जिलाधिकारी द्वारा पुरस्कृत व मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने जैसे काम करने वाले प्रधान विजेंद्र पटेल ने बताया कि बाहर से आने वाले प्रवासी कामगार नीरज, उपेंद्र, धर्मेंद्र, विमल समेत अप्रैल में आने वाले 39 कामगारों को पहले कॉलेज में बने शेल्टर होम में 14 दिनों के लिए रखा गया। जिसका निरीक्षण एसडीएम अखिलेश यादव एवं एसओ सुनीत कुमार ने भी किया था। फिर होम क्वारंटाइन किया गया था।