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जंगल किनारे खुले खेतों में चहलकदमी कर रहा बाघ

ममरी: रेंज इलाके में मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को रोक पाने में वन विभाग के सारे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में एक बार फिर आक्रोश पनप रहा है। कृपाराम पर बाघ हमले की घटना के बाद से बाघ का मूवमेंट कई गांवों में फिर बढ़ गया है। बाघों के आबादी तक पहुंच कर बिचरण करने पशुओं एवं कुत्तों पर हमला करने के कारण मोठी खेड़ा ,प्रवस्तनगर, देवीपुर, पड़री, सुंदरपुर, अयोध्यापुर, घमहघाट, गंगापुर, काशीपुर इटौआ, मस्तीपुर आदि गांवों के ग्रामीणों के कृषि कार्य चौपट हो रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त है। रेंजर मोवीन आरिफ ने बताया कि बाघ प्रभावित ग्रामों का रात व दिन में जालीदार ट्रैक्टर व अन्य वाहनों से कांबिग हो रही है। ग्रामीणों को समूह में निकल कर कार्य करने का अलर्ट जारी किया गया है। गन्ना टूटने के कारण ग्रामीणों के विरोध के चलते हथिनी गंगा कली से कांबिग नहीं हो पा रही। इससे बाघ के मूवमेंट में बढ़ोत्तरी हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 10:50 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 10:50 PM (IST)
जंगल किनारे खुले खेतों में चहलकदमी कर रहा बाघ
जंगल किनारे खुले खेतों में चहलकदमी कर रहा बाघ

लखीमपुर: जंगल से निकल कर बाघ जब गन्ने के खेतों में आकर बाघ अपना ठिकाना बना लेता था तो वन विभाग यह तर्क देता था कि नरकुल समान दिखने वाले गन्ने को बाघ अपनी टेरेटरी समझता है, लेकिन, महेशपुर रेंज में जंगल किनारे खुले खेतों में भी बाघ घूम रहा है। खेतों से होते हुए पानी की तलाश में वह आबादी के भी नजदीक पहुंच जा रहा है। हाल में देवीपुर बीट के रायपुर में ग्रामीण कृपाराम पर हमले के बाद लोगों में बाघ की दहशत और बढ़ी है। महेशपुर इलाके में अधिकतर खेत गन्ने की फसल से खाली हो चुके हैं। अक्सर जिन गन्ने के खेतों में बाघ छिपता था वहां मैदान हो चुका है लेकिन इसके बावजूद खेतों व गांवों के किनारे बाघों के आने सिलसिला नहीं थम रहा है। एक ही रात में कई जगह बाघों के पदचिन्ह मिलने से ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ती जा रही है।

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ममरी: रेंज इलाके में मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को रोक पाने में वन विभाग के सारे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में एक बार फिर आक्रोश पनप रहा है। कृपाराम पर बाघ हमले की घटना के बाद से बाघ का मूवमेंट कई गांवों में फिर बढ़ गया है। बाघों के आबादी तक पहुंच कर विचरण करने वाले पशुओं एवं कुत्तों पर हमला करने के कारण मोठी खेड़ा, प्रवस्तनगर, देवीपुर, पड़री, सुंदरपुर, अयोध्यापुर, घमहघाट, गंगापुर, काशीपुर इटौआ, मस्तीपुर आदि गांवों के ग्रामीणों के कृषि कार्य चौपट हो रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त है। रेंजर मोवीन आरिफ ने बताया कि बाघ प्रभावित ग्रामों का रात व दिन में जालीदार ट्रैक्टर व अन्य वाहनों से कांबिग हो रही है। ग्रामीणों को समूह में निकल कर कार्य करने का अलर्ट जारी किया गया है। गन्ना टूटने के कारण ग्रामीणों के विरोध के चलते हथिनी गंगा कली से कांबिग नहीं हो पा रही। इससे बाघ के मूवमेंट में बढ़ोतरी हो रही है।


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