जिले में चल रहे 1.15 लाख कटिया कनेक्शन
यों के मुताबिक जिले में कुल 5.75 लाख परिवार हैं, इनमें करीब 3.35 लाख कनेक्शन पहले से किए गए हैं। जबकि सौभाग्य योजना में जिले के छह बिजली डिवीजनों लखीमपुर, निघासन, मितौली, गोला, मोहम्मदी और पलिया डिवीजन में अब तक 1.25 लाख कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। इस हिसाब से जिले में कुल 4.60 लाख घरों में बिजली की सप्लाई लीगल रूप से हो रही है। जबकि 1.15 लाख कनेक्शन चोरी से चलाए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सौभाग्य योजना के तहत 31 मार्च तक नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके बाद आचार संहिता लगने की वजह से नि:शुल्क बिजली कनेक्शन मिल पाना मुश्किल हो जाएगा। अधीक्षण अभियंता आरडी यादव कहते हैं कि मुख्य धारा से वंचित लोगों के लिए यह सुनहरा मौका है। सौभाग्य योजना में गांव-गांव बिजली कनेक्शन देने के लिए कार्यदायी संस्था एलएनटी को तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा ब्लॉकों में लोकल स्तर पर ठेकेदारों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
लखीमपुर: केंद्र सरकार भले ही सौभाग्य योजना के तहत लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने का अभियान चला रही हो लेकिन, मौजूदा समय में जिले में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी हो रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो घरेलू लाइन से करीब 1.15 लाख कटिया कनेक्शन चल रहे हैं। गांव-गांव टीमें नि:शुल्क कनेक्शन दे रहीं फिर भी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक जिले में कुल 5.75 लाख परिवार हैं, इनमें करीब 3.35 लाख कनेक्शन पहले से किए गए हैं। जबकि सौभाग्य योजना में जिले के छह बिजली डिवीजनों लखीमपुर, निघासन, मितौली, गोला, मोहम्मदी और पलिया डिवीजन में अब तक 1.25 लाख कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। इस हिसाब से जिले में कुल 4.60 लाख घरों में बिजली की सप्लाई लीगल रूप से हो रही है। जबकि 1.15 लाख कनेक्शन चोरी से चलाए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सौभाग्य योजना के तहत 31 मार्च तक नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके बाद आचार संहिता लगने की वजह से नि:शुल्क बिजली कनेक्शन मिल पाना मुश्किल हो जाएगा। अधीक्षण अभियंता आरडी यादव कहते हैं कि मुख्य धारा से वंचित लोगों के लिए यह सुनहरा मौका है। सौभाग्य योजना में गांव-गांव बिजली कनेक्शन देने के लिए कार्यदायी संस्था एलएनटी को तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा ब्लॉकों में लोकल स्तर पर ठेकेदारों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।