कंडवा को मिले भगीरथ, लिलौटी नाथ का भी होगा सुंदरीकरण
जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में
लखीमपुर : जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में जिस कंडवा और उल्ल नदी के कायाकल्प की चर्चा शुरू हुई थी, उस पर मंगलवार से अमल शुरू हो गया। सीडीओ अरविद सिंह, परियोजना निदेशक रामकृपाल चौधरी, तहसीलदार उमाशंकर त्रिपाठी, बीडीओ प्रीति तिवारी ने लिलौटी नाथ मंदिर और नदी का दौरा किया। अधिकारियों के बीच मंदिर स्थल के सुंदरीकरण और कंडवा नदी की सफाई को लेकर रणनीति बनी। सीडीओ ने तहसीलदार को अभिलेखों का परीक्षण करने और बीडीओ को स्टीमेट बनाने का निर्देश दिया है।
लिलौटीनाथ मंदिर के एक तरफ जोनई नदी और दूसरी ओर कंडवा नदी निकलती है। जोनई नदी बिजुआ ब्लॉक के मेंहदी गांव से निकलती है, जिसमें शारदा नदी का पानी आता है। मंदिर से करीब 200 मीटर की दूरी पर जोनई नदी और कंडवा का संगम होता है। यहां से कंडवा नदी इंदिरा मनोरंजन पार्क, परसिया गांव होते हुए करीब 20 गांवों से जुड़ी हुई है। चूंकि लिलौटीनाथ पौराणिक मंदिर है, इसलिए इस स्थल और आसपास के क्षेत्र के सुंदरीकरण व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए बीडीओ को स्टीमेट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। सीडीओ ने तहसीलदार को अभिलेखों का परीक्षण करने को भी कहा। इसके बाद सीडीओ सहित अधिकारियों का दल इंदिरा वन मनोरंजन पार्क भी गया, जहां काफी देर तक पार्क की स्थिति को लेकर चर्चा की।
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प्राइवेट खाते में है दर्ज है जमीन
लिलौटीनाथ के आसपास का एरिया वहां पुजारी भाइयों मनोहर गिरि, मुन्ना लाल, स्व. मनोज, स्व. मोहन गिरि व नंदन गिरि के नाम दर्ज है। जोनई नदी भी नाला के रूप में अभिलेखों में दर्ज है। सीडीओ ने वहां मनोहर गिरि से सुंदरीकरण और नदी की सफाई के संबंध में बात भी की और मंदिर के पौराणिकता के बारे में भी जाना।