धौरहरा-ईसानगर के विकास कार्यो में गड़बड़ी पर छानबीन तेज
एसडीएम धौरहरा को प्रधानों के दो शपथ पत्र की जांच सौंपी। एक फर्म को फर्जी भुगतान करने का मामला जिला प्रशासन तक पहुंच गया है।
लखीमपुर: धौरहरा और ईसानगर क्षेत्र में विकास कार्यों में लाखों रुपये की गड़बड़ी और पीलीभीत की एक फर्म को फर्जी भुगतान करने का मामला जिला प्रशासन तक पहुंच गया है। खास बात ये है कि इस प्रकरण को लेकर डीएम शैलेंद्र सिंह बेहद गंभीर हो गए हैं। उन्होंने एसडीएम धौरहरा सुनंदू सुधाकरन को ग्राम प्रधानों के दो शपथ-पत्र की जांच सौंप दी है। निर्देश दिया है कि वे जल्द पूरे मामले की रिपोर्ट उन्हें सौंपे, ताकि यह पता चल सके कि प्रधानों की शिकायत सही है या शपथ-पत्र।
धौरहरा और ईसानगर ब्लॉक में विकास कार्यों के भुगतान को लेकर संबंधित बीडीओ पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पूर्व में ईसानगर के ही एक कर्मचारी ने कई अधिकारियों को प्रार्थना-पत्र सौंपकर बीडीओ पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इसमें एक शिकायत सीडीओ अरविद सिंह को भी सौंपी गई थी। बाद में विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने शासन ने पूरे मामले की शिकायत की थी। सीडीओ ने शिकायत मिलने के बाद प्रधानों की शिकायत का जिम्मा डीसी मनरेगा राजनाथ भगत को सौंपा। डीसी ने जून माह में शिकायत पत्र में लगे आरोपों की जांच शुरू की। बताते हैं डीडी मनरेगा ने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सीडीओ को सौंप दी है लेकिन, अभी तक
रिपोर्ट का खुलासा नहीं हुआ है। इसी बीच प्रधानों ने डीएम को शपथ पत्र देकर शिकायत पत्र में फर्जी हस्ताक्षर होने की बात कही है। जिसके बाद डीएम ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए शिकायत पत्र और शपथ पत्र की जांच कराने का निर्देश दिया है। बताया जा रहा कि दोनों ब्लॉकों में 50 लाख से अधिक के फर्जी भुगतान मामले में बीडीओ के पर्दा डालने की कोशिश से ही डीएम का शक गहराया है। जिम्मेदार की सुनिए
डीएम शैलेंद्र सिंह का कहना है कि प्रधानों ने पहली बार शिकायत पत्र सौंपा और दूसरी बार फर्जी हस्ताक्षर की बात कहते हुए शपथ-पत्र सौंपा। एसडीएम धौरहरा को दोनों पत्रों की सच्चाई जानने के लिए जांच सौंपी गई है। एक-दो दिन में उनकी रिपोर्ट मिल जाएगी। डीसी मनरेगा ने आरोपों की जांच की है।