जिले में शून्य है मलेरिया, रोज हो रहीं दो सौ जांचें
लखीमपुर : जिला अस्पताल में विभिन्न विकास खंडों व ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की खून क
लखीमपुर : जिला अस्पताल में विभिन्न विकास खंडों व ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की खून की जांच होती है। हर रोज करीब 200 जांचें होती है, लेकिन इसमें एक भी मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया आदि के मरीज नहीं निकलते। जांच में मच्छर जनित रोग पूरी तरह शून्य हैं। मलेरिया विभाग के द्वारा कराई जा रही निरोधात्मक कार्रवाई के परिणाम स्वरूप मच्छरों से कहीं कोई बीमारी नहीं फैल रही है। हर रोज स्लाइड बनाने का काम कराया जा रहा है। विकासखंड नकहा के गांव खींचिन पुरवा में 15 स्लाइडें बनाने के बाद जांच होने पर सिर्फ एक मरीज अब तक मलेरिया का मिला है।
जिला मलेरिया अधिकारी एसके वर्मा का कहना है कि फॉ¨गग के चलते मच्छरों पर काबू पाया जा रहा है। इसके अलावा नालियों में जो एंटी लार्वा का छिड़काव है उसके चलते भी मच्छरों का प्रकोप घटा है। अब यदि जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की बात करें तो इमरजेंसी में बुखार के करीब 80 मरीज हर रोज आते हैं और पैथोलॉजी में लगभग 200 जांचें रोज होती है। इसमें बुखार के मरीजों में कोई टाइफाइड या किसी में साधारण तौर पर बुखार पाया जा रहा है। कहीं भी मलेरिया फाइलेरिया या डेंगू का कोई मरीज नहीं आता हालांकि तीन से चार जांचे हर रोज डेंगू के नाम से होती हैं। लेकिन धनात्मक परिणाम किसी में नहीं निकलते। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. राम सेवक माधौरिया का कहना है कि जिला अस्पताल में बुखार के मरीजों की बढ़ती हुई संख्या में ज्यादातर पैराक्सिया के मरीज हैं जो तीन से चार दिनों में ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा मौसमी बुखार है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल का कहना है कि नालियों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराने के साथ-साथ शहर में फा¨गग भी कराई जाती है। इसके चलते मच्छरों का प्रकोप कम हुआ है मलेरिया फाइलेरिया के रोगियों की संख्या घटी है।