जिले में आठ साल से नहीं दिल का डॉक्टर
सूना पड़ा है जिला अस्पताल का कार्डियोलॉजी विभाग। ऐसे में दिल की बीमारी से ग्रसित मरीजों को इलाज के लिए निजी चिकित्सकों के यहां या फिर लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ती है।
लखीमपुर : मंगलवार को पूरे देश में हृदय दिवस मनाया गया, पर जिला अस्पताल का कार्डियोलॉजी विभाग सूना पड़ा रहा। कारण, यहां पिछले आठ साल से दिल का डॉक्टर ही नहीं है। ऐसे में दिल की बीमारी से ग्रसित मरीजों को इलाज के लिए निजी चिकित्सकों के यहां या फिर लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ती है।
मंगलवार को हृदय दिवस के मौके पर विभिन्न जिलों में स्वास्थ्य विभाग ने कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें हृदय रोग विशेषज्ञों ने यह बताया कि लोग अपने हृदय को कैसे स्वस्थ रखें है, मगर खीरी जिले में यह महज खानापूर्ति ही रही। यह चौंकाने वाला जरूर, पर सच है कि तकरीबन 45 लाख की आबादी वाले खीरी जिले में आठ साल से हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। वर्ष 2012 में जिला अस्पताल के तत्कालीन हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. केसी वर्मा का तबादला शाहजहांपुर हो गया था। उसके बाद से खीरी जिले में उनके स्थान पर कोई तैनाती नहीं हो पाई। दिल के मरीजों ने बदल लिया रास्ता इस समय जिला अस्पताल में औसतन प्रतिदिन 14 सौ मरीजों की ओपीडी है। इसमें पांच-छह मरीज प्रति माह हृदय रोग से संबंधित आते हैं। जिला अस्पताल में जब हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती थी, तो यहां दिल की बीमारी से संबंधित काफी मरीज आते थे। अब यहां धीरे-धीरे ऐसे मरीजों ने आना ही बंद कर दिया। जो पांच-छह मरीज महीने में आते हैं, वे भी इमरजेंसी के होते हैं। वहीं निजी चिकित्सकों के यहां प्रतिदिन 50 से 100 मरीज देखे जा रहे हैं। काफी मरीज लखनऊ भी इलाज करा रहे हैं। जिम्मेदार की सुनिए जिला अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। हर माह शासन स्तर पर होने वाली बैठक में इस बात को रखा जा रहा है। प्रयास जारी है, जल्द ही सकारात्मक परिणाम आएंगे।
डॉ. आरसी अग्रवाल, सीएमएस, जिला अस्पताल।