सीएचसी की हालत खराब, आला अफसर बेखबर
न भर्ती किए जाने योग्य तथा संस्थागत प्रसव कराने आईं गर्भवती महिलाओं को शासन की ओर से पौष्टिक भोजन दिए जाने के निर्देश हैं। यह व्यवस्था यहां ठेके पर चल रही है। भर्ती महिलाओं को डॉक्टर के निर्देशानुसार दूध बिस्किट मूंग या अरहर की दाल सब्जी आदि दी जानी चाहिए। कैंटीन चला रही महिला ने समय पर वेतन भी न मिलने और समय पर भोजन सामग्री भी उपलब्ध न होने की बात कही। ------------------------------------------------------- जिम्मेदार की सुनिए सीएचसी के अधीक्षक डॉ. केके आदिम ने बताया कि कैंटीन की व्यवस्था के लिए ठेकदार को मानक के अनुरूप आहार दिए जाने के कड़े निर्देश दिए हैं। कार्रवाई कर स्थिति में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने चि
लखीमपुर: सीएचसी गोला में सेवा नियमावली को ताक पर रखकर तैनात चिकित्सक व वार्डब्वॉय डयूटी बजा रहे हैं। यहां न तो स्टाफ और न ही महकमे को नियम कायदों के अनुपालन की परवाह है। इसके चलते उपलब्ध संसाधनों के लाभ से मरीज वंचित रह जाते हैं और प्राइवेट तौर पर इलाज कराने के लिए विवश होते जा रहे हैं।
सेवा नियमावली की नहीं कोई परवाह
महकमे की सेवा नियमावली में ऑन ड्यूटी डॉक्टर व मातहत स्टाफ की अलग पहचान के लिए सफेद कोट (एप्रेन), ग्लब्स के साथ स्टाफ को हाईजेनिक रहना बहुत जरूरी होता है, लेकिन गोला सीएचसी स्टाफ निर्धारित ड्रेस पहनने से गुरेज करते हैं। नतीजतन अक्सर मरीज इन्हें पहचान ही नहीं पाते और और इधर उधर भटकते रहते हैं।
इमरजेंसी कक्ष में मात्र दो बेड, दवाओं का भी टोटा
सीएचसी में तहसील और आसपास के क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाओं से पीड़ित मरीजों को लाया जाता है, लेकिन इमरजेंसी कक्ष में मात्र दो बेड पड़े हैं। जिनपर बिछी प्लास्टिक सीट और कक्ष में गंदगी बनी रहती है। यहां गंभीर मरीजों के लिए फर्स्ट एड की दवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं।
मीनू के आधार पर नहीं मिल रहा भोजन
भर्ती किए जाने योग्य तथा संस्थागत प्रसव कराने आईं गर्भवती महिलाओं को शासन की ओर से पौष्टिक भोजन दिए जाने के निर्देश हैं। यह व्यवस्था यहां ठेके पर चल रही है। भर्ती महिलाओं को डॉक्टर के निर्देशानुसार दूध, बिस्किट, मूंग या अरहर की दाल, सब्जी आदि दी जानी चाहिए। कैंटीन चला रही महिला ने समय पर वेतन भी न मिलने और समय पर भोजन सामग्री भी उपलब्ध न होने की बात कही।
जिम्मेदार की सुनिए
सीएचसी के अधीक्षक डॉ. केके आदिम ने बताया कि कैंटीन की व्यवस्था के लिए ठेकदार को मानक के अनुरूप आहार दिए जाने के कड़े निर्देश दिए हैं। कार्रवाई कर स्थिति में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने चिकित्सकों के एप्रेन न पहनने पर गोल-मोल जवाब देते हुए एप्रिन पहनने की बात भी स्वीकारी।