शिशु जन्म की करें तैयारी, समझें जिम्मेदारी
गोंडा: स्वास्थ्य विभाग अब शिशु जन्म को लेकर पहले से ही माताओं को प्रशिक्षित करने की योजना बना रहा है
गोंडा: स्वास्थ्य विभाग अब शिशु जन्म को लेकर पहले से ही माताओं को प्रशिक्षित करने की योजना बना रहा है। इसके लिए गर्भ का पता चलते ही आशा कार्यकर्ता अब गृह-भ्रमण के दौरान गर्भवती माताओं से मिलकर उन्हें जानकारी देंगी। साथ ही उसकी निगरानी करेंगी।
जिला कम्युनिटी प्रोसेस प्रबंधक डॉ. आरपी ¨सह ने बताया कि शिशु जन्म की पहले से तैयारी न होने के कारण तीन तरह की समस्या आती है। पहला तो यह कि परिवार द्वारा प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र जाने के निर्णय लेने में देरी, दूसरा- स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने में विलंब और तीसरा- स्वास्थ्य केंद्र मे समुचित सेवा प्राप्त होने में देरी। यह तीनों कारण मातृ व शिशु मृत्यु के अप्रत्यक्ष कारकों के लिए भी जाने जाते हैं। ऐसे में पहले से ही तैयारी आवश्यक है। महिला चिकित्सक डॉ. सुवर्णा कुमार का कहना है कि जन्म-योजना उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की पहचान के साथ ही प्रसव के दौरान होने वाले खतरों को भी कम कर देती है। उधर, शनिवार को बेलसर में टीकाकरण सत्र स्थल पर ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक वंदना ¨सह ने गर्भवती माताओं को जानकारी दी। इस तरह करें तैयारी
प्रसव की संभावित तिथि की जानकारी, 102 व 108 एंबुलेंस के अलावा प्राइवेट यातायात साधन की व्यवस्था, आवश्यक धन की व्यवस्था, उच्च जोखिम वाली महिलाओं के मामले मे उचित स्वास्थ्य इकाई का इंतजाम, ब्लड की आवश्यकता पड़ने पर रक्तदाता की पहचान, साफ सूती कपड़े की व्यवस्था, लाभार्थी का आधार कार्ड व बैंक पासबुक।