इलाज संग मिलेगी घर-आंगन जैसी सुविधा
जिला अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र को और अधिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसके लिए यहां पर बच्चों के इलाज के साथ ही अब अभिभावकों से भी फीड बैक लिया जाएगा। साथ ही केंद्र पर बच्चों के खेलने के लिए प्रबंध करने के साथ ही झूला व अन्य प्रबंध किए जाएंगे। जिससे यहां पर बच्चों को अस्पताल जैसा न महसूस हो। इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने प्रयास तेज कर दिए हैं।
गोंडा: जिला अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र को और अधिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसके लिए यहां पर बच्चों के इलाज के साथ ही अब अभिभावकों से भी फीड बैक लिया जाएगा। साथ ही केंद्र पर बच्चों के खेलने के लिए प्रबंध करने के साथ ही झूला व अन्य प्रबंध किए जाएंगे, जिससे यहां पर बच्चों को अस्पताल जैसा न महसूस हो।
कुपोषित बच्चों की सेहत को लेकर वैसे तो कई सारे प्रयास चल रहे हैं। पिछले दिनों सीडीओ अशोक कुमार ने इस केंद्र का निरीक्षण किया, जिसके बाद यहां की सुविधाओं के विस्तार की योजना तैयार की गई है। यहां की दीवारों पर पे¨टग कराई गई है। इसमें पक्षियों के साथ ही अन्य चित्रकारी की गई है। साथ ही प्ले एरिया का विकास किया जाएगा। इसमें बच्चों के लिए झूला व अन्य सुविधाएं होंगी। उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई की ¨वसी सहाय ने यहां के कर्मचारियों के माध्यम से विकास का प्रस्ताव तैयार कराया है। सीएमएस डॉ. वीरपाल का कहना है कि सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इनका रखें ख्याल
- गर्भावस्था में कम से कम चार बार स्वास्थ्य परीक्षण कराएं।
-आयरन तथा कैल्शियम की गोली का सेवन करें।
- राजकीय अस्पताल में प्रसव कराएं, चिकित्सक की सलाह से खानपान करें।
- आंगनबाड़ी केंद्रों से प्राप्त होने वाले पूरक आहार को अवश्य खिलाएं।
- हरी सब्जियां व दाल अवश्य खिलाएं, गर्भवती के सेहत पर ध्यान रखें।