Move to Jagran APP

कलेक्ट्रेट बनी छावनी, आसपास रास्तों पर रहा पुलिस का कड़ा पहरा

जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर मतदान के मद्देनजर कलेक्ट्रेट परिसर को पूरी तरह छावनी बनी रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Jul 2021 10:50 PM (IST)Updated: Sat, 03 Jul 2021 10:50 PM (IST)
कलेक्ट्रेट बनी छावनी, आसपास रास्तों पर रहा पुलिस का कड़ा पहरा
कलेक्ट्रेट बनी छावनी, आसपास रास्तों पर रहा पुलिस का कड़ा पहरा

लखीमपुर : जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर मतदान के मद्देनजर कलेक्ट्रेट परिसर को पूरी तरह छावनी के रूप में तब्दील कर दिया। कलेक्ट्रेट के चारों तरफ से गुजरी सड़कों को पूरी तरह बैरिकेड कर दिया गया। साथ ही भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। अंदर इंट्री प्वाइंट से लेकर जिला मजिस्ट्रेट कक्ष तक कई जगहों पर पुलिस तैनात रही। जब तक मतदान व मतगणना चलती रही, तब तक राहगीरों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आम आदमी यह नहीं समझ पा रहा था कि आखिर उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है।

loksabha election banner

अधिकारियों में यह चर्चा थी कि एक दिन पहले ही पुलिस को यह भनक लगी थी कि मतगणना परिणाम के बाद सपा कार्यकर्ता बवाल कर सकते हैं। शहर में भारी संख्या में सपा कार्यकर्ताओं की मौजदगी से पुलिस के कान खड़े हो गए थे। इसलिए 1000 पुलिसकर्मियों को जिला पंचायत चुनाव में व्यस्त कर दिया गया। मतदान कलेक्ट्रेट में हो रहा था, लेकिन पुलिस ने शहर के अंदर दाखिल होने वाले सभी रास्तों पर बैरियर लगाकर जवानों को तैनात कर दिया था। सीओ सिटी अरविद वर्मा ने कहीं-कहीं खुली चाय-पान की दुकानों को भी बंद करा दिया। शहर कोतवाल प्रभातेष श्रीवास्तव सड़कों पर फोर्स के साथ मुआयना करते रहे। पुलिस की इस सख्त किलेबंदी के कारण मतदान व मतगणना कार्य शांतिपूर्ण ढंग से निपट गया, लेकिन काशीनगर, सिकटिहा, नौरंगाबाद, हिदायतनगर, सिविल लाइन, कपूरथला, थरवरनगंज के लोगों के साथ ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले राहगीरों को दिक्कतों से जूझना पड़ा। जीत के बाद एक माला नसीब नहीं हुई जिले के प्रथम नागरिक को जिस जोशो-खरोश के साथ इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा गया। नामांकन के दौरान भाजपा का धूमधाम से काफिला पर्चा भरा गया और कार्यकर्ताओं ने खूब नारेबाजी की, लेकिन आज जब भाजपा की जीत की घोषणा हुई तब तस्वीर बिल्कुल बदली हुई नजर आई। जिले के प्रथम नागरिक बनने का प्रमाण-पत्र लेकर जब ओमप्रकाश कलेक्ट्रेट से निकलने लगे तो भाजपा नेताओं ने उन्हें बधाई दी, लेकिन एक भी जनप्रतिनिधि के हाथ में फूल-माला नहीं था। ओमप्रकाश भार्गव को एक अदद माला तक नसीब नहीं हुई। जीत का प्रमाण-पत्र कुछ देर तक उनके हाथों में दिखा, लेकिन उसके बाद प्रमाण पत्र भी गायब था। वार्ड मेंबर तक का चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों को समर्थक फूल मालाएं पहनाकर स्वागत करते हैं, लेकिन शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीते ओमप्रकाश भार्गव के लिए सांसद, विधायक या पदाधिकारी माला तक नहीं ले गए। भाजपा नेताओं की भीड़ ऐसी बढ़ी कि ओमप्रकाश पीछे रह गए। मीडिया कर्मियों से बात करते समय वह पीछे चले गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.