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Lakhimpur: आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची आनंदीबेन पटेल, बाेलीं-बच्चों को शिक्षित ही नहीं बल्कि संस्कारी भी बनाएं

भारत नेपाल सीमा से सटे आंगनबाड़ी केंद्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षित ही नहीं संस्कारित भी बनाएं। वहीं आंगनबाड़ी सौनहा में राज्यपाल ने बच्चों को खीर भी खिलाई और माताओं को जागरूक भी किया।

By Jagran NewsEdited By: Vrinda SrivastavaPublished: Mon, 21 Nov 2022 02:52 PM (IST)Updated: Mon, 21 Nov 2022 02:52 PM (IST)
Lakhimpur: आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची आनंदीबेन पटेल, बाेलीं-बच्चों को शिक्षित ही नहीं बल्कि संस्कारी भी बनाएं
भारत नेपाल सीमा से सटे आंगनबाड़ी केंद्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहुंचीं।

लखीमपुर, जागरण संवाददाता। भारत नेपाल सीमा से सटे आंगनबाड़ी केंद्र सौनहा में राज्यपाल आनंदीबेन पहुंची। इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल शिक्षित ही नहीं बल्कि इन्हें संस्कारी भी बनाएं। वह छोटे बच्चों की माताओं को संबोधित कर रही थीं। राज्यपाल ने कहा कि तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को जिम्मेदारी के साथ आंगनबाड़ी केंद्र में भेजें।

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राज्यपाल ने कहा कि देश और प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है और यहीं से बच्चों के भविष्य का निर्धारण होता है। यहां तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को आगे स्कूल भेजने के लिए क्या प्रयास किया जाता है। उसके बाद आगे का दायित्व कक्षा एक से लेकर आठ तक प्राइमरी स्कूलों का होता है। राज्यपाल ने इस बात पर चिंता जताते हुए कहा कि यह बात ठीक नहीं है कि आंगनवाड़ी केंद्र से 5 वर्ष पूरे हो जाने के बाद आगे बच्चों का क्या भविष्य होता है? वह कक्षा एक में अपना दाखिला लेते हैं या नहीं लेते हैं? इस बात की जानकारी लेना सभी का दायित्व है।

आगनबाड़ी केंद्र की महत्ता को समझाते हुए राज्यपाल ने कहा आंगनबाड़ी केंद्र को सबंधित प्राथमिक स्कूल में जाकर सम्पर्क करते रहना चाहिए कि केंद्र से जो बच्चे आए वो स्कूल में दाखिल हुए या नहीं। राज्यपाल ने कहा कि इसके लिए प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक से लेकर विकास खण्ड के अधिकारियों तक को ये दायित्व उठाना होगा। ऐसा सुझाव भी दिया। आंगनबाड़ी केंद्र से निकलने के बाद बच्चे स्कूल नहीं गए हैं तो आखिर वह कहां पढ़ रहे हैं या नहीं पढ़ रहे हैं। यह जानकारी सभी जिम्मेदार अधिकारियों को लेनी चाहिए। जिससे ड्रॉपआउट बच्चों को चिन्हित करने और उन्हें वापस स्कूल लाने में मदद मिलेगी।

राज्यपाल ने इस बात पर खासा जोर देते हुए कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी चिंता है कि केवल 30% छात्र ही कॉलेजों में दाखिला लेते हैं और आने वाले 2030 तक यह आंकड़ा 50 से ऊपर होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें सभी विभागों का सहयोग अपेक्षित एवं आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा कि जब आपका बच्चा पढ़ेगा, आगे बढ़ेगा तो देश भी आगे बढ़ेगा।

इससे पहले राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केंद्र सौनहा में दुधमुंहे बच्चों को अपने हाथों से खीर खिलाई और गर्भवती माताओं को पोषण किट भी प्रदान की। इसके बाद राज्यपाल ने गर्भवती माताओं से केंद्र व प्रदेश की योजनाओं की जानकारी भी ली और उनसे पूछा कि गर्भावस्था के दौरान मिलने वाले पांच हजार अनुदान उनके खाते में आता है कि नहीं।

इस कार्यक्रम से पहले राज्यपाल ने प्रदेश के इकलौते मॉडल स्कूल एकलव्य में जाकर वहां थारू छात्रों का शैक्षिक स्तर भी देखा। इस दौरान उन्होंने कक्षाओं में जाकर यह देखा कि यहां छात्र कैसे और क्या पढ़ रहे हैं। इसकी भी जानकारी छात्र-छात्राओं से ली। साथ ही हाल ही में उपनिरीक्षक की परीक्षा में स्थान बनाने वाले यहां से 12वीं पास कर गए 5 छात्र छात्राओं को सम्मानित भी किया।

यहां राज्यपाल ने थारू महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पाद भी देखे और इसे बनाने वाली महिलाओं से विस्तृत पूछताछ भी की। राज्य पाल अभी नेपाल सीमा से बिल्कुल सरे चंदन चौकी में पंडित प्रताप नारायण मिश्र स्मारक सरस्वती विद्या मंदिर के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में मौजूद हैं।


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