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दिनभर सिर्फ लोकेशन ट्रेस करते रहे वनकर्मी

फोटो 24एलएके 032 -बाघिन के न मिलने से और बढ़ी दहशत, धरी रह गई जेसीबी से खदेड़ने क

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Feb 2018 07:27 PM (IST)Updated: Sat, 24 Feb 2018 08:03 PM (IST)
दिनभर सिर्फ लोकेशन ट्रेस करते रहे वनकर्मी
दिनभर सिर्फ लोकेशन ट्रेस करते रहे वनकर्मी

फोटो 24एलएके 032

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-बाघिन के न मिलने से और बढ़ी दहशत, धरी रह गई जेसीबी से खदेड़ने की योजना

संवादसूत्र, निघासन (लखीमपुर): शनिवार को बाघिन की लोकेशन ट्रेस न हो पाने के कारण वन विभाग की तैयारी धरी की धरी रह गई। जेसीबी लगाकर बाघिन को जंगल में वापस खदेड़ने का प्लान बना चुकी वन विभाग की टीम शनिवार को बाघिन की लोकेशन ट्रेस करने में ही उलझी रही। वन विभाग भले ही बाघिन की लोकेशन को लेकर असमंजस में हो, लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि घोड़ी का शिकार करने के बाद बाघिन ने अभी अपना ठिकाना नहीं बदला है।

बता दें कि करीब दो सप्ताह पूर्व दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के जंगल से भटककर बाहर आई बाघिन ने इलाके में दहशत फैला रखी है। निघासन थाना क्षेत्र के ग्राम ़खैरानी में घोड़ी का शिकार करने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि बाघिन आस पड़ोस के ही गन्ने के खेत में कहीं छुपी हुई है। हालांकि शुक्रवार को मामले में वन विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना था कि घोड़ी का शिकार कर बाघिन उसे गन्ने के खेत में खींच कर ले गई थी, ऐसे में शिकार को अपना निवाला बनाने तक बाघिन को छेड़ना ठीक नहीं है। वन विभाग ने प्लान बनाया था कि अगर शुक्रवार की देर शाम तक बाघिन ने अपना ठिकाना नहीं बदला तो वन विभाग शनिवार को जेसीबी लगाकर जंगल वापस भेजेगा, लेकिन बाघिन की लोकेशन ट्रेस न हो पाने के कारण वन विभाग का यह ऑपरेशन धरा रह गया। दो सप्ताह के भीतर बाघिन द्वारा कई मवेशियों को अपना निवाला बनाने के बाद लोगों में बाघिन की दहशत व्याप्त हो गई है। ग्रामीणों ने खेतों की ओर जाना छोड़ दिया है। लोगों का मानना है कि यदि शीघ्र ही बाघिन का रूख जंगल की ओर नहीं हुआ तो बाघिन किसी भी समय इंसानों पर भी हमला कर उसे अपना निवाला बना सकती है। बफरजोन के उपनिदेशक डॉ अनिल कुमार पटेल ने बताया कि वन विभाग बाघिन की लगातार मॉनीट¨रग कर रहा है। बाघिन को जंगल वापस भेजने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। टीम लगी हुई है। बाघिन की लोकेशन नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों से अपील है कि बाघिन की कोई भी मूवमेंट अगर कहीं दिखाई दे तो उसे छेड़ें न और उसकी सूचना वन विभाग को दें।


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