जंगल की जमीन कब्जाने को वन कर्मियों व ग्रामीणों में संघर्ष, फायरिग
ग्रामीणों ने रेंजर समेत वन कर्मियों को भी पीटा रायफल छीनी। ग्रामीण महिलाओं ने वन कर्मियों पर लगाया अभद्रता का आरोप।
लखीमपुर: जंगल की खाली पड़ी भूमि पर धान की रोपाई कर रहे ग्रामीणों को मना करने पर वन विभाग व थारू समुदाय के लोगों में संघर्ष हो गया। ग्रामीणों ने वन कर्मियों की पिटाई कर दी और एक कर्मी की रायफल भी छीन ली। बाद में उसे थाने में जमा करा दिया गया। गौरीफंटा रेंजर आलोक शर्मा को भी चोटें आई हैं। बचाव में वन कर्मियों ने हवाई फायरिग भी की तब कही जाकर ग्रामीण शांत हुए। एसएसबी ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभाला। दोनों पक्ष ने कोतवाली गौरीफंटा में तहरीर दी है।
कजरिया के ग्रामीण बुधवार को सामूहिक रूप से गांव के पास खाली पड़ी करीब चार एकड़ भूमि पर धान की रोपाई कर रहे थे। इस दौरान कुछ वनकर्मी वहां पहुंचे और ग्रामीणों को रोका। इस बात पर ग्रामीण व वन कर्मियों में वाद-विवाद होने लगा। थोड़ी देर बाद ग्रामीण काफी संख्या में एकत्र हो गए और वन कर्मियों पर हमला बोल दिया और उनकी पिटाई कर दी। बचाव में वन कर्मियों ने हवाई फायरिग की जिससे ग्रामीण कुछ शांत हुए पर उन लोगों ने वन कर्मी की रायफल छीन ली। वन कर्मियों ने किसी तरह भागकर जान बचाई और मामले से रेंजर आलोक शर्मा को अवगत कराया।
घटना की जानकारी पाकर रेंजर मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हे भी घेर लिया और उनके साथ भी मारपीट की। इधर ग्रामीण महिलाओं का कहना था कि वन कर्मियों ने उनसे अभद्रता की और उनके कपड़े आदि फाड़ दिए। मारपीट की। विवाद बढ़ा तो भीड़ ने वन कर्मियों को पीट दिया। ग्रामीणों ने वन कर्मियों की छीनी हुई रायफल गौरीफंटा कोतवाली में जमा करा दी है। पार्क के उपनिदेशक व अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना करके वापस आ गए। इस संबंध में दोनों पक्षों ने तहरीर कोतवाली में दे दी है। जिम्मेदार की सुनिए वार्डेन एसके अमरेश ने बताया कि जंगल की जमीन पर कब्जा करने से रोकने पर ग्रामीणों ने वन कर्मियों पर हमला कर दिया था जिसमे रेंजर समेत कुछ लोगों को चोटें आई है। रायफल छीनने की घटना भी हुई है। पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने को तहरीर दे दी गई है।