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खेत में काम कर रहे ग्रामीण को हाथी ने पटक कर मार डाला

रामभरोसे पिछले कई वर्षों से बग्गा सिंह के यहां मजदूरी करता था जिसके एवज में उसको पांच हजार रुपये प्रति माह मिलता था। मात्र दो बीघा जमीन होने के कारण रामभरोसे और उसका बेटा सर्वेश मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था।

By swetank shankarEdited By: Mohammed AmmarPublished: Sun, 27 Nov 2022 10:40 PM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 07:34 AM (IST)
खेत में काम कर रहे ग्रामीण को हाथी ने पटक कर मार डाला
खेत में काम कर रहे ग्रामीण को हाथी ने पटक कर मार डाला

लखीमपुर, जागरण टीम : महेशपुर रेंज के किसान बग्गा सिंह के खेतों में काम कर रहे साहबगंज ग्रंट के ग्राम शिवपुरी निवासी रामभरोसे (60) को जंगल से निकले हाथी ने पटककर मौत के घाट उतार दिया। घटना के समय जंगल से 10 से 12 हाथी बाहर निकल आए, जिससे खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों में भगदड़ मच गई। कुछ देर बाद वनकर्मी मौके पर पहुंच गए। हाथियों के जंगल में लौटने के बाद शव को खेत से लाया जा सका।

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करीब चार महीने से महेशपुर रेंज में डेरा जमाए हाथी लगातार किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। दिन में हाथी जंगल में रहते हैं और रात में झुंड खेतों में फसलों को रौंदता है। रविवार दोपहर दो बजे रामभरोसे अन्य सात ग्रामीणों के साथ जंगल से सटे खेत में काम कर रहे थे, तभी एक हाथी जंगल से बाहर निकल आया। रामभरोसे जब तक कुछ समझ पाते, उससे पहले ही हाथी ने हमला बोल दिया। हाथी ने सूंढ़ से पटक कर रामभरोसे को मार डाला। ग्रामीण जब तक बचाने का प्रयास करते, तब तक कई और हाथी जंगल से बाहर निकल आए। हाथियों का झुंड देखकर ग्रामीण भाग खड़े हुए। रामभरोसे की मौत के बाद घरवालों में कोहराम मच गया।

सूचना मिलने पर विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह भी मौके पर पहुंचे और वन विभाग के अधिकारियों से हाथियों को इलाके से भगाने में की जा रही लापरवाही पर नाराजगी जताई। पिछले वर्ष शहजनिया निवासी 20 वर्षीय प्रांजल वर्मा को भी हाथियों ने पटक कर मार दिया था। इस वर्ष भी वन कर्मी हाथियों के हमलों में घायल हो चुके हैं। यहां बड़ी संख्या में बाघों की मौजूदगी पहले से है। हाथियों की नई तबाही से ग्रामीण परेशान हो गए हैं। डर के कारण खेतों में फसल बचाने के लिए पड़े मचान खाली हो गए हैं।

रामभरोसे पिछले कई वर्षों से बग्गा सिंह के यहां मजदूरी करता था, जिसके एवज में उसको पांच हजार रुपये प्रति माह मिलता था। मात्र दो बीघा जमीन होने के कारण रामभरोसे और उसका बेटा सर्वेश मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। आर्थिक तंगी से जूझ रहे रामभरोसे की मौत के बाद पत्नी जयकोरा सहित परिवारजन का रो- रो कर बुरा हाल है। वन क्षेत्राधिकारी नरेश पाल सिंह ने बताया कि रामभरोसे के परिवारजन को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। जिसमें चार लाख रुपये राजस्व विभाग द्वारा और एक लाख रुपये वन विभाग द्वारा दिया जाएगा।


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