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हाथियों ने गन्ना व धान की फसल रौंदी, बाल-बाल बचे ग्रामीण

डेढ़ दर्जन हाथियों का झुंड महेशपुर रेंज की शहजनिया बीट से निकलकर फसल तबाह कर दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 10:46 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 10:46 PM (IST)
हाथियों ने गन्ना व धान की फसल रौंदी, बाल-बाल बचे ग्रामीण
हाथियों ने गन्ना व धान की फसल रौंदी, बाल-बाल बचे ग्रामीण

लखीमपुर : डेढ़ दर्जन हाथियों का झुंड महेशपुर रेंज की शहजनिया बीट से निकलकर दूसरे दिन बाघ बाहुल्य देवीपुर बीट में जा पहुंचा। हाथियों ने तांडव मचाकर किसानों के गन्ने व धान की फसल को रौंदकर नुकसान पहुंचाया। रेंजर मो. मोबीन आरिफ के नेतृत्व में काम कर रहे वनकर्मी व ग्रामीण हाथियों से मोर्चा लेने एवं उनके मूवमेंट को मोड़ने में नाकाम रहे। इनको भगाने के लिए वन विभाग ग्रामीणों के सहयोग से मशाल जलाकर, भूसे का धुंआकर, पटाखे दागकर व ड्रम आदि बजाकर दो-दो हाथ करने की तैयारी में था। हाथियों के संभावित आगमन के मद्देनजर वन विभाग ने जंगल के निकटवर्ती गांवों में अलर्ट जारी करते हुए जागरूकता अभियान चला ग्रामीणों को सचेत किया था।

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दरअसल नेपाल से सटे दुधवा इलाके के जंगलों से निकले हाथी मैलानी बांकेगंज के रास्ते यहां आ गए। यहां दो बार आए हाथियों के झुंड ने एक दर्जन किसानों की धान व गन्ना की फसलों को रौंद डाला था। एहतियातन डिप्टी रेंजर रामनरेश, वनकर्मी जगदीश वर्मा, मिठाईलाल, अजीत सिंह, एसटीपीएफ ने जंगल से सटे गांव देवीपुर, मोठीखेड़ा, रायपुर, शंकरपुर, शिवपुरी, गंगापुर, सुंदरपुर, अयोध्यापुर, मोतीपुर के ग्रामीणों से हाथियों से सचेत रहने व खेतों पर बने मचानों पर न रुकने एवं बचाव में आने का अलर्ट जारी किया। ग्रामीणों की माने तो मौठीखेड़ा के क्षत्रपाल, सुंदरपुर के प्यारेलाल, राजेंद्र, गंगापुर के मलखान, फूलचंद, मुन्नी देवी, आसाराम, हरिश्चंद्र, दाताराम, पिकी, बृजकिशोर, रामनरेश, रिकू, वीरेंद्र, कालीचरण, बाबूराम की गन्ना व धान फसलों का नुकसान हुआ है। इब्राहिमपुर ग्रंट की प्रधान ममता सप्पू वर्मा ने हाथियों के रौंदने से क्षेत्र के किसानों की फसलों के हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाने एवं इनके मूमेंट को मोड़ने की मांग वन विभाग से की है।

हाथियों से बाल-बाल बचे ग्रामीण

रेंज में दो गुटों में विचरण कर रहे हाथियों के झुंड के बीच बिल्कुल करीब से ग्रामीण घिरकर बाल-बाल बच तो गए लेकिन, कुछ देर के लिए उनकी धड़कने तेज हो गईं। गंगापुर के रामसिंह, मुन्ना, रामरतन, सुंदरपुर के पतिराम उस समय खेतों में हाथियों से घिर गए जब वह वन कर्मियों के साथ खदेड़ने की मुद्रा में थे। आरोप है कि इस दौरान वन कर्मी भी मूकदर्शक बने रहे।


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