जातीय आंकड़ों के दम पर तय की जा रही हार जीत
सपा के वोट बैंक व जाति विशेष को एक साथ जोड़ने के प्रयासरत तो दिखे लेकिन मतदान की तारीख के साथ ही विपक्षी इसमें सेंध लगा गए। ऐसे में बाहरी प्रत्याशी पर दांव खेलना महागठबंधन को भारी पड़ सकता है। वहीं प्रसपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन करने वाले दस्यु सम्राट को धौरहरा की चाबी सौंपे जाने से सपा का वोटर प्रभावित हो गया। वहीं भाजपा ने मौजूदा सांसद को जातिगत आकंड़ों के दम पर टिकट थमा दी। सांसद को जनता के विरोध के साथ ही पार्टी का आंतरिक विरोध भी झेलना पर बावजूद इसके जनता राष्ट्रवाद विकास व पीएम नरेंद्र भाई मोदी से प्रभावित दिखी। सांसद का विरोध करने वाले भी मोदी को वोट देने की बात कहने के साथ ही देश के लिए वोट मांगते नजर आए। फिहलाल धौरहरा से आठों प्रत्याशियों का भाग्य मंडी के स्ट्रांग रूम में सुरक्षाबलों
लखीमपुर : धौरहरा लोकसभा में हुए मतदान के बाद सभी दलों के समर्थक अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं। ब्राह्मण, कुर्मी , हरिजन, मुस्लिम व क्षत्रिय वोटरों के आंकड़ों के सहारे हारजीत की गणित तैयार हो रही है। त्रिकोणीय संघर्ष की लड़ाई में राष्ट्रवाद, विकास, जाति को साधने के साथ ही क्षेत्रवाद भी हावी दिखाई पड़ा। एक ओर जहां कांग्रेस प्रत्याशी पिछली सरकार में उनके द्वारा कराए गए विकास कार्यों के साथ ही राजनीतिक अनुभव के सहारे दिल्ली तक पहुंचने का दम भरते दिखे तो वहीं महागठबंधन मुंबईया प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतार दिया। बड़ी संख्या में लाव लश्कर के साथ रोड शो निकाल कर चुनावी तैयारियां विपक्ष को दिखाने के सपा बसपा के वोट बैंक व जाति विशेष को एक साथ जोड़ने के प्रयासरत तो दिखे, लेकिन मतदान की तारीख के साथ ही विपक्षी इसमें सेंध लगा गए। ऐसे में बाहरी प्रत्याशी पर दांव खेलना महागठबंधन को भारी पड़ सकता है। वहीं प्रसपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन करने वाले दस्यु सम्राट को धौरहरा की चाबी सौंपे जाने से सपा का वोटर प्रभावित हो गया। वहीं भाजपा ने मौजूदा सांसद को जातिगत आंकड़ों के दम पर टिकट थमा दी। सांसद को जनता के विरोध के साथ ही पार्टी का आंतरिक विरोध भी झेलना पर बावजूद इसके जनता राष्ट्रवाद, विकास व पीएम नरेंद्र भाई मोदी से प्रभावित दिखी। सांसद का विरोध करने वाले भी मोदी को वोट देने की बात कहने के साथ ही देश के लिए वोट मांगते नजर आए। फिलहाल धौरहरा से आठों प्रत्याशियों का भाग्य मंडी के स्ट्रांग रूम में सुरक्षाबलों की निगरानी में कैद हो चुका है। मतदान के बाद से समर्थक अपने अपने प्रत्याशी की जीत तय मानने के साथ ही लाखों का सट्टा भी लगा रहे हैं।
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