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दोबारा पॉलीथिन हुई आम..फेल हो गए रोकने के इंतजाम

लखीमपुर शासन का पॉलिथीन रोधी अभियान सफल नहीं हो सका। पर्यावरण संतुलन के लिए शुरू किए गए इस अभियान में कोई सफलता नहीं मिली। कुछ महीनों के लिए सब्जी वाले ठेले वाले दूध और चाय बेचने वालों पर अभियान चलाने के बाद पॉलिथीन बाजार से गायब तो हुई लेकिन जल्दी ही इसका चलन फिर दिखाई पड़ने लगा। बाजार से सब्जी खरीदनी हो या दूध वाले से दूध लाना हो। पैकिग में किसी तरह का सामान लाना हो या फिर चाय ही क्यों न लानी हो सभी कुछ पॉलीथिन के भरोसे है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 09:40 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 09:40 PM (IST)
दोबारा पॉलीथिन हुई आम..फेल हो गए रोकने के इंतजाम
दोबारा पॉलीथिन हुई आम..फेल हो गए रोकने के इंतजाम

लखीमपुर : शासन का पॉलिथीन रोधी अभियान सफल नहीं हो सका। पर्यावरण संतुलन के लिए शुरू किए गए इस अभियान में कोई सफलता नहीं मिली। कुछ महीनों के लिए सब्जी वाले, ठेले वाले, दूध और चाय बेचने वालों पर अभियान चलाने के बाद पॉलिथीन बाजार से गायब तो हुई लेकिन जल्दी ही इसका चलन फिर दिखाई पड़ने लगा। बाजार से सब्जी खरीदनी हो या दूध वाले से दूध लाना हो। पैकिग में किसी तरह का सामान लाना हो या फिर चाय ही क्यों न लानी हो सभी कुछ पॉलीथिन के भरोसे है। हैरत की बात है कि पर्यावरण संरक्षण के नाम पर ढिढोरा पीटने वाली सरकार और पर्यावरण व जिम्मेदार महकमे एक बार फिर कुछ दूर चलने के बाद थक क्यों गए? पेश है एक रिपोर्ट

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²श्य एक - समय दोपहर एक बजे स्थान - रोडवेज बस स्टैंड

शहर की रोडवेज बस स्टैंड जाने वाली सड़क पर पॉलीथिन में चाय ले जाते हुए एक व्यक्ति दिखाई दिया। चाय बेचने वाले ने बताया कि यह तो काफी समय से चलन में है। कुछ समय के लिए शहर में अभियान चला था लेकिन बाद में सब शांत हो गया। उसने कहा कि उसे तो अपना काम करना है। ऐसे अभियान तो चलते रहते हैं।

²श्य दो - समय दोपहर - 1:30 बजे स्थान - संकटा देवी मुहल्ले का बाजार

शहर के मुहल्ला संकटा देवी में दूध की दुकान पर कुछ लोग दूध खरीद रहे थे। यहां भी लोग पॉलीथीन में ही दूध ले कर के जा रहे थे। कई ग्राहकों ने बात करने पर बताया कि पिछले छह महीने से पॉलीथिन पूरी तरह चलन में है। दूध लेने वाले ज्यादातर व्यापारी थे। उन्होंने बताया कि दुकान से घर लौट रहे हैं इसलिए बाल्टी न लेकर उन्होंने पॉलीथीन में ही दूध ले लिया है। ऐसा तो हर रोज ही होता है। जब पॉलीथिन में दूध मिलता है, फिर बर्तन की क्या जरूरत है।

²श्य तीन - समय - 1:45 बजे स्थान - सब्जी मंडी

शहर की सब्जी मंडी में लोक सब्जी खरीद रहे थे सब्जी बेचने वालों के पास रखी काली पन्नियां बता रही थी कि शासन प्रशासन के चलाए गए अभियान का असली सच क्या है। आर्य कन्या डिग्री कॉलेज से नालय तक और अंदर की गलियों में भी छोटी बड़ी पॉलीथिन के अंदर ही सब्जी देने का चलन एक बार फिर तेजी पकड़ चुका है। यही नहीं अंदर की मसाला मंडी और मीट मंडी में भी यही ²श्य दिखाई दिया। ²श्य चार - समय दोपहर - 2:30 बजे स्थान - शहर की मेन रोड

शहर की मेन रोड पर भी कुछ लड़कियां सामान लेकर पॉलीथिन में ही जा रही थी। कपड़े की दुकान हो या जनरल मर्चेंट की दुकान, यहां पर भी पॉलीथिन में सामान देने का चलन खत्म नहीं हुआ। इसके चलते ही बाजार में एक छोर से लेकर दूसरे छोर पर किसी भी दुकान पर चले जाइए पॉलीथिन की बिक्री तेजी से हो रही है। यही नहीं जिन दुकानों पर पॉलिथीन बिकती थी और उन्हें शासन प्रशासन द्वारा मना किया गया था।


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