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बोले बुद्धिजीवी, विकास के एजेंडे में नहीं जाति-धर्म में उलझी सियासत

लखीमपुर आगामी लोक सभा के चुनाव की चर्चा इन दिनों चौराहों होटलों सार्वजनिक स्थानों पर करते हुए लोग अगली सरकार बनाने पर लगे हैं तो बुद्धिजीवी वर्ग में भी अब सियासत पर चर्चा भोजनावकाश में हर रोज होने लगी है। वरिष्ठ अधिवक्तागण अधिवक्ता संघ के कार्यालय में दोपहर की चाय की चुस्कियों के साथ राजनीतिक चर्चा में मशगूल हैं चर्चा में मुद्दों को लेकर वकीलों में गरमा गरमी भी हो जाती है इसी बीच जागरण की टीम कचहरी पहुंचती है तेज आवाजों को सुनकर कार्यालय में जाकर देखा तो तमाम वरिष्ठ अधिवक्ताओं के बीच चुनावी चर्चा चल रही दिखाई पड़ी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 10:19 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 10:20 PM (IST)
बोले बुद्धिजीवी, विकास के एजेंडे में नहीं जाति-धर्म में उलझी सियासत
बोले बुद्धिजीवी, विकास के एजेंडे में नहीं जाति-धर्म में उलझी सियासत

लखीमपुर: आगामी लोक सभा के चुनाव की चर्चा इन दिनों चौराहों, होटलों, सार्वजनिक स्थानों पर करते हुए लोग अगली सरकार बनाने पर लगे हैं तो बुद्धिजीवी वर्ग में भी अब सियासत पर चर्चा भोजनावकाश में हर रोज होने लगी है। वरिष्ठ अधिवक्तागण अधिवक्ता संघ के कार्यालय में दोपहर की चाय की चुस्कियों के साथ राजनीतिक चर्चा में मशगूल हैं चर्चा में मुद्दों को लेकर वकीलों में गरमा गरमी भी हो जाती है इसी बीच जागरण की टीम कचहरी पहुंचती है तेज आवाजों को सुनकर कार्यालय में जाकर देखा तो तमाम वरिष्ठ अधिवक्ताओं के बीच चुनावी चर्चा चल रही दिखाई पड़ी। चुनावी चर्चा में अपनी बात को बड़ी मजबूती के साथ रखते हुए पूर्व अध्यक्ष राकेश मिश्रा कहते हैं कि सारी राजनीतिक पार्टियां मुद्दा विहीन है, किसे के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं सभी दल जाति-धर्म की सियासत में उलझकर रह गए हैं और इसी आधार पर चुनाव मैदान में है। देश के विकास और बेरोजगारी का मुद्दा अहम मुद्दा है नेताओ से जनता का विश्वास उठ चुका है इसी बीच अधिवक्ता धीर प्रशांत त्रिवेदी,ने किसानों के गन्ना भुगतान की समस्या रखते हुए कहते हैं कि पिछली सरकार ने किसानों के गन्ने का भुगतान नही किया और काला धन भी वापस नही आया। जुमलेबाजी की सरकार कहते ही अधिवक्ता प्रहलाद जी भड़क उठते हैं और कहते हैं पिछली सरकार के सभी काम धरातल पर है जनता सब जानती हैं उनकी बात पर पलटवार करते हुए पूर्व महामन्त्री वीरेंद्र वर्मा ने अपनी बात को जोर शोर से रखते हुए पिछली सरकार ने केवल साम्प्रदायिकता फैलाने का और लोगो को धर्म के नाम पर बांटने का काम किया इनके पास कोई विकास का मुद्दा नही है और नही विकास के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं। अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह ने कहा कि किसानों का दो साल से गन्ना भुगतान नही हुआ किसान नौजवान सब परेशान है लेकिन पूर्व महामन्त्री हेमन्त कुमार गुप्ता पिछली सरकार की उपलब्धियां बताते हैं कहते हैं कि मोदी ने विश्व मे भारत का मान बढ़ाया है सभी की बात काटते हुए पूर्व अध्यक्ष उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि काहे की राजनीति कैसा मुद्दा ,राजनीति का स्तर बहुत गिर गया है। पूर्व अध्यक्ष अनुराग तिवारी ने कहा कि कांग्रेस का 72 हजार की घोषणा का अमल होगा जैसे सरकार ने किसानों का कर्जा माफ किया था संघ के अध्यक्ष रमेश कुमार वर्मा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पार्टियां के पास विकास का कोई एजेंडा नही है सभी जातिगत आकड़ों की बात करते हैं अंत मे राकेश मिश्रा कहते हैं कि स्थानीय स्तर पर शहर में जाम, बड़ी रेलवे लाइन, पचपेड़ी घाट बड़ा मुद्दा है नेताओं को इन पर भी प्राथमिकता से काम करना चाहिए। चर्चा में भोलानाथ श्रीवास्तव, राजीव मिश्र, ओमप्रकाश वर्मा, विजय ब्रह्मा चन्देल, ने भी चर्चा की तभी घड़ी की सुई दो बजे का वक्त दिखाती है और सभी अधिवक्ता अपने-अपने काम पर चले जाते हैं।

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