प्रतीक चिन्ह मिलते ही दुकानों पर लगी भीड़
प्रतीक चिन्ह का आवंटन होते ही पंचायत चुनाव में गर्मी आ गई है।
लखीमपुर : प्रतीक चिन्ह का आवंटन होते ही पंचायत चुनाव में गर्मी आ गई है। रविवार को प्रत्याशी चुनाव सामग्री के लिए सजी दुकानों पर उमड़ पड़े। प्रतीक चिन्ह के रूप में उन्हें कैमरा, कार, लहसुन, कैंची समेत कई चिन्ह मिले हैं। कलेक्ट्रेट से निकलने के बाद प्रत्याशी सीधे दुकानों पर पहुंचकर अपना प्रतीक चिन्ह बताने और मांगने लगे।
गोला: चार बजे के बाद जब चुनाव चिन्ह मिलने शुरू हुए तो प्रधान पद के दावेदारों में से किसी को कैमरा, गले का हार मिला तो किसी को कन्नी, किसी को अनाज ओसाता हुआ किसान मिला तो किसी को इमली, किसी को कोट मिला तो किसी को किताब आदि चिन्ह मिले। इसी तरह क्षेत्र पंचायत सदस्यों में से किसी प्रत्याशी को अनार, ईंट, कांच का गिलास, कड़ाही आदि चिन्ह मिले पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को भी चुनाव चिन्ह मिले। नजदीकी पंचायतों के प्रधान पद के प्रत्याशियों के समर्थक भी चुनाव चिन्ह के इंतजार में गलियों में बैठे दिखाई दिए। उनमें अपने प्रत्याशी के लिए उत्साह दिखाई दे रहा था। वे उनके चुनाव चिन्ह को लेकर गांव गांव पहुंचकर उसका प्रचार प्रसार करने के लिए लालायित दिख रहे थे। प्रत्याशियों की भावनाएं समझते हुए प्रचार सामग्री विक्रेताओं ने भी अपनी दुकानें मुख्यालय से थोड़ी दूर पर लगा रखी थी। जिसके पास जितने ज्यादा समर्थक होंगे। उसके लिए चुनाव चिन्ह घर घर पहुंचाना उतना ही आसान हो जाएगा।
एकजुटता दिखाई, शिवचरण को निर्विरोध बनाया ग्राम प्रधान थारू क्षेत्र के ग्राम मसानखंभ के लोगों ने एकजुटता का कुछ अलग ही रुप में परिचय दिया है। यहां पर ग्राम प्रधान पद के लिए केवल एक व्यक्ति ने नामांकन किया और पूरे गांव से किसी दूसरे ने नामांकन नहीं कराया। नतीजतन, एकल नामांकन कराने वाले शिवचरण राना गांव के निर्विरोध प्रधान चुन लिए गए हैं। आज नाम वापसी का समय पूर्ण होने के बाद इसकी विधिवत घोषणा भी कर दी गई। उपजिलाधिकारी डॉ. अमरेश ने बताया कि मशानखंभ के प्रधान पद के लिए केवल एक नामांकन शिवचरण राना ने ही कराया था। उसके अलावा अन्य किसी ने नामांकन ही नहीं कराया। इसलिए उनका निर्विरोध निर्वाचन तय है। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान पद पर अब यहां चुनाव नहीं होगा। केवल जिपं सदस्य, बीडीसी व ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए मतदान होगा। इसके पहले शिवचरण की पत्नी कबीरा मसानखंभ की ग्राम प्रधान थीं।