प्राइवेट हाथों में पर्यटन विभाग का गेस्ट हाउस
पूरा प्लान भी देते हैं। किसी असुविधा से बचने के लिए और पूरी तरह से इंज्वाय करने के लिए सैलानी दुधवा के थारू हटों के बजाए इन रिजार्ट का भी प्रयोग करते हैं। दूसरी बड़ी समस्या है कि ऑनलाइन बु¨कग को लेकर। दरअसल दुधवा में उपलब्ध कुल 14 थारू हटों की बु¨कग ऑनलाइन माध्यम से ही की जा सकती है। अगर कोई सैलानी बिना बु¨कग के यहां पहुंचता है तो रूम खाली होने के बावजूद नियमों की वजह से उसे हट नहीं दिए जा पाते। ऐसे में सैलानी अपनी व्यवस्था बाहर ही करना पसंद करते हैं। हालांकि पर्यटन विभाग द्वारा प्राइवेट हाथों में दिए गए गेस्ट हाउस का मूल्य क्या है इसे खोला नहीं गया है। रिजार्ट संचालक इस मामले में फिलहाल कुछ भी बताने को तैयार नहीं। लेकिन इतना तय है कि दुधवा से अधिक दाम यहां वसूले जाएंगे क्योंकि जहां दुधवा में खानपान को लेकर कुछ पाबंदियां है वहीं इस रिजोर्ट में खाने-पीने की पूरी छूट रहेगी।
लखीमपुर : दुधवा टाइगर रिजर्व को पहले से ही प्राइवेट रिजोर्ट कल्चर की वजह से काफी नुकसान हुआ और यह नुकसान आने वाले दिनों में और बढ़ेगा, इतना तय है। दरअसल पलिया-दुधवा रोड पर दुधवा से कुछ पहले बंशीनगर में पर्यटन विभाग के गेस्ट हाउस को प्राइवेट हाथों में दे दिया गया है। लंबे समय से यह गेस्ट हाउस बंद पड़ा था और इसके शुरू करने की मांग उठ रही थी, लेकिन पर्यटन विभाग द्वारा इसे 30 सालों के लिए प्राइवेट लोगों के हवाले कर दिया गया है जो अपने हिसाब से उसका संचालन करने के लिए स्वतंत्र है। यही स्थिति दुधवा को नुकसान पहुंचाने वाली है। दरअसल दुधवा टाइगर रिजर्व घूमने के लिए तो सैलानियों की अच्छी संख्या आती है, लेकिन कुछ नियमों, पाबंदियों आदि के चलते काफी लोग दुधवा के बाहर ही रूकना पसंद करते हैं। ऐसा इसीलिए भी है कि दुधवा के बाहर उसके आस पास तमाम प्राइवेट रिजोर्ट, होटल मौजूद हैं। इतना ही नहीं इसमें से अधिकांश ऐसे हैं जो सैलानियों के लिए दुधवा जंगल भ्रमण का पूरा प्लान भी देते हैं। किसी असुविधा से बचने के लिए और पूरी तरह से इंज्वाय करने के लिए सैलानी दुधवा के थारू हटों के बजाए इन रिजार्ट का भी प्रयोग करते हैं। दूसरी बड़ी समस्या है कि ऑनलाइन बु¨कग को लेकर। दरअसल दुधवा में उपलब्ध कुल 14 थारू हटों की बु¨कग ऑनलाइन माध्यम से ही की जा सकती है। अगर कोई सैलानी बिना बु¨कग के यहां पहुंचता है तो रूम खाली होने के बावजूद नियमों की वजह से उसे हट नहीं दिए जा पाते। ऐसे में सैलानी अपनी व्यवस्था बाहर ही करना पसंद करते हैं। हालांकि पर्यटन विभाग द्वारा प्राइवेट हाथों में दिए गए गेस्ट हाउस का मूल्य क्या है इसे खोला नहीं गया है। रिजार्ट संचालक इस मामले में फिलहाल कुछ भी बताने को तैयार नहीं। लेकिन इतना तय है कि दुधवा से अधिक दाम यहां वसूले जाएंगे क्योंकि जहां दुधवा में खानपान को लेकर कुछ पाबंदियां है वहीं इस रिजोर्ट में खाने-पीने की पूरी छूट रहेगी।