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खुले दुधवा के द्वार, पर्यटकों का खत्म हुआ इंतजार

लखीमपुर): आखिरकार वह लम्हा आ ही गया जिसका करीब पांच महीनों से वन्य जीव प्रेमियों को इंत

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 11:19 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 11:19 PM (IST)
खुले दुधवा के द्वार, पर्यटकों का खत्म हुआ इंतजार
खुले दुधवा के द्वार, पर्यटकों का खत्म हुआ इंतजार

लखीमपुर): आखिरकार वह लम्हा आ ही गया जिसका करीब पांच महीनों से वन्य जीव प्रेमियों को इंतजार था। विधि विधान से पूजा-अर्चना के पश्चात गुरूवार पूर्वाह्न 11 बजे उप्र वन निगम के प्रबंध निदेशक एके द्विवेदी ने दुधवा टाइगर रिजर्व के नवीन पर्यटन सत्र का आगाज किया। इसके बाद सैलानियों से भरे वाहन जंगल भ्रमण को रवाना हो गए। पहले दिन जंगल सफारी पूर्ण रूप से निशुल्क रही। सैलानियों ने साल के घने जंगलों का भ्रमण करते हुए दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों का दीदार किया। आने वाले दिनों में दुधवा में देशी-विदेशी सैलानियों का मेला लगेगा।

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हालांकि दुधवा टाइगर रिजर्व के पर्यटन सत्र शुभारंभ के पहले दिन यहां वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा ¨सह चौहान को आना था लेकिन ऐन मौके पर उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया। इधर दुधवा पर्यटन परिसर में सुबह भी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाता रहा। इस बीच पर्यटन सत्र शुभारंभ में विलंब के मद्देनजर सुबह सात बजे से इंतजार कर रहे सैलानियों को करीब आठ बजे विभिन्न वाहनों से जंगल में प्रवेश दिया गया। पूर्वाह्न 11 बजे यहां पहुंचे उप्र वन निगम के प्रबंध निदेशक एके द्विवेदी ने मुख्य द्वार को फीता काटने के बाद खोला। इस दौरान यहां पर वन निगम की जीएम ईवा शर्मा, एफडी रमेश कुमार पांडेय, डीएफओ नार्थ खीरी अनिल कुमार पटेल, डिप्टी डायरेक्टर महावीर कौजलगि समेत दुधवा पार्क के अधिकारी, कर्मचारी, गाइड आदि मौजूद रहे।

पहले दिन नहीं हुए बाघ के दीदार

पर्यटन सत्र के पहले दिन ही यहां सैलानियों की अच्छी भीड़ उमड़ी। सभी के मन में जंगल जाकर बाघ के दीदार करने की लालसा थी और इसी उम्मीद में सभी जंगल में पहुंचे। हाथियों पर सवार होकर सैलानी गैंडा पुनर्वास परियोजना के फेज वन में भी गए। लेकिन पहले दिन किसी को भी बाघ के दीदार नहीं हो सके। इससे उनमें मायूसी देखने को मिली। अलबत्ता हिरण, गैंडा समेत तमाम पक्षी पहले दिन जरूर नजर आ गए।

नि:शुल्क थी भ्रमण की व्यवस्था

पर्यटन सत्र के पहले दिन जंगल भ्रमण की व्यवस्था पूर्ण रूप से निश्शुल्क रही। जिप्सियां तो फ्री में ही थीं पहली बार सलूकापुर कैंप से हाथियों को भी नि:शुल्क रूप से सैलानियों के लिए उपलब्ध कराया गया जो दुधवा की तरफ से उनके लिए तोहफा था। सैलानियों ने भी इस मौके का लाभ उठाते हुए जंगल की सैर की और वन्य जीवों के दीदार का आनंद उठाया।

ई-बर्ड योजना के तहत उपलब्ध कराए गए ड्रोन

पर्यटन सत्र शुभारंभ कार्यक्रम की विशेष बात रही ड्रोन कैमरे। डब्लूआईआई देहरादून की तरफ से ई-बर्ड योजना के तहत दो ड्रोन कैमरे दुधवा को दिए गए हैं। जिनका प्रयोग यहां मानीट¨रग में किया जाएगा। पूर्व से ही दुधवा में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन मानीट¨रग प्रणाली को और सु²ढ़ बनाने के इरादे से दोनों ड्रोन कैमरे काफी मददगार साबित होंगे। फैंटम नाम का कैमरा सात किमी एरिया कवर कर सकता है और इसकी ऊंचाई में उड़ने की क्षमता 120 मीटर है। जबकि तीव्र नाम का दूसरा कैमरा भी मानीट¨रग करेगा।


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