कुशल चालक ही हासिल कर सकेंगे ड्राइ¨वग लाइसेंस
निरंकार जायसवाल, बाराबंकी : लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों के ²ष्टिगत ड्राइ¨वग लाइसेंस हासिल करने की प्र
निरंकार जायसवाल, बाराबंकी : लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों के ²ष्टिगत ड्राइ¨वग लाइसेंस हासिल करने की प्रक्रिया और जटिल होने वाली है। इस प्रक्रिया के लागू होने के बाद आवेदक को पांच चरणों में परीक्षा देनी होगी। जिले में इन पांच चरणों की परीक्षा होगी नए टेस्ट ड्राइ¨वग ट्रैक पर। जो पुणे में स्थित सेंट्रल इंस्ट्रीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट की तर्ज पर यहां स्थापित किया जाएगा।
परिवहन विभाग रोड सेफ्टी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करता है। जिससे लोग यातायात नियमों के प्रति जागरुक हों और सुरक्षित यातायात हो, लेकिन करोड़ो रुपये बिना ध्येय पूरा किया पानी में चला जाता है। अधिकांश हादसे वाहन चालक की लापरवाही अथवा अज्ञानता के कारण होते हैं। हादसों पर विराम लगाने के लिए विभाग चालकों को और कुशल बनाएगा। जिसके ²ष्टिगत जिले में हाईटेक ड्राइ¨वग टेस्ट ट्रैक बनेगा। एआरटीओ प्रशासन पंकज ¨सह ने बताया कि विभाग को हाईवे किनारे जमीन आवंटित हो गई है। इस पर कार्यालय के साथ जो ट्रैक बनाया जाएगा वह सेंट्रल इंस्ट्रीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट की तर्ज पर होगा। इसके लिए वहां जाकर निरीक्षण व प्रशिक्षण लिया गया है। उद्देश्य मात्र यही है कि चालक कुशल हों और हादसों में अंकुश लगे। पांच चरणों में होगी परीक्षा : एआरटीओ ने बताया कि ट्रैक पर पांच चरणों में चालक को वाहन चलाकर दिखाना होगा। जिसमें ऐट, एच, एस आकार के ट्रैक पांच ¨बदुओं पर वाहन मोड़ने और ढलान पर वाहन चलाने की परीक्षा देनी होगी। इन परीक्षा में भारी और हल्के वाहन के ट्रैक होंगे। निर्धारित सीमा पर निगरानी के लिए हाई क्वालिटी के कैमरे लगेंगे। जैसे ही गलत वाहन चला, चालक को फेल कर दिया जाएगा। यह सभी ट्रैक लगातार एक क्रम में होंगे। अगर कोई अपनी गलती पूछता है तो उसे कंट्रोल रूम से उसकी गलती का ¨प्रट आउट भी दिया जाएगा। चालक की भूमिका सबसे अहम होती है। इसलिए जरूरी है कि चालक कुशल हो। आवंटित जमीन पर पुणे के आधार पर ट्रैक बनाया जाएगा। जिसकी प्रकिया चल रही है'' पंकज ¨सह, एआरटीओ, प्रशासन,''