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कोरोना काल में प्रवासी श्रमिकों की थम नहीं रहीं मुश्किलें

मुंबई जम्मू कश्मीर दिल्ली पंजाब हरियाणा उत्तराखंड आदि प्रदेशों से लौटे है मुंबई जम्मू कश्मीर दिल्ली पंजाब हरियाणा उत्तराखंड आदि प्रदेशों से लौटे है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 10:43 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 10:43 PM (IST)
कोरोना काल में प्रवासी श्रमिकों की थम नहीं रहीं मुश्किलें
कोरोना काल में प्रवासी श्रमिकों की थम नहीं रहीं मुश्किलें

लखीमपुर: सालों साल जहां रहकर अपने परिवार का पेट पाला जब वह बेगाना हुआ तो उम्मीद की किरण उनका अपना गांव था। अपने घर में उनको कुछ तो काम जरूर मिल जाएगा..भरोसा था। उनको आए अब धीरे-धीरे दो सप्ताह हो चले..जो कमाकर लाए थे आधे से ज्यादा रास्ते में खर्च हो गया और बचा हुआ यहां, अब हाथ खाली है। दुश्वारियां थमने का नहीं ले रहीं मितौली से लेकर मोहम्मदी तक हर जगह एक ही सवाल मजदूर के हाथ को कब मिलेगा काम।

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मोहम्मदी तहसील क्षेत्र के पसगवां इलाके के ग्राम बरखेरियाजाट, सल्लिया, जसमढ़ी, उचौलिया, रसूलपुर तफज्जुल हुसैन, बरवर, सेमराजानीपुर सहित पसगवां ब्लॉक के लगभग सभी गांवों में प्रवासी मजदूर आए है। इन प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में काम दिया जा रहा है। मनरेगा योजना से इन लोगों को काम तो मिल रहा लेकिन वह लोग फावड़ा नहीं चला पा रहे है। रसूलपुर तफज्जुल हुसैन में दर्जनों लोग मुंबई , जम्मू कश्मीर , दिल्ली , पंजाब , हरियाणा , उत्तराखंड आदि प्रदेशों से लौटे है। श्रमिक विनोद कहते है कि वह पुताई आदि का काम करते थे यहां मनरेगा में काम मिल रहा जो वह नही कर सकते । वह कहते हैं कि पुताई का काम लोग कोरोना के डर से उससे नही करा रहे । रामनिवास कहते है कि क्वारांटाइन समय पूरा करने के बाद जब वह सब्जी बेचने गया तो किसी ने भी उससे कोरोना के डर से सब्जी नही खरीदी । उमेश का कहना है कि वह सिल्वर डोर , विडो का काम जानता अब वह फावड़े से खुदाई कैसे कर पाएगा।

विकास खंड मितौली क्षेत्र के ग्राम रामनगर लोहिया गहिया लक्ष्मण नगर कोरियानी ग्राम पंचायत मुल्तान पुर ग्राम पंचायत ग्रंट इनायत चीफ खमरिया ग्राम पंचायत कस्ता ग्राम पंचायत रौतापुर कचियानी ग्राम पंचायत बबौना खुर्दा ग्राम पंचायत खंजन नगर आदर्श नगर अवधपुर आदि ग्राम पंचायतों से श्रमिक दिल्ली गाजियाबाद हरियाणा पंजाब महाराष्ट्र राजस्थान मुंबई आदि प्रांतों में यहां के श्रमिक काम कर रहे थे। वह वापस अपने घरों को आ गए हैं। ग्राम पंचायत कस्ता के प्रवासी श्रमिक अनूप कुमार, रवि कुमार पुत्र अवधेश कुमार तथा कुलदीप कुमार , राहुल कुमार तथा विकास कुमार का कहना है कि लोग दिल्ली में सिलाई कढ़ाई एवं चश्मा फैक्ट्री मैं काम करते थे गांव में जब तक सिलाई उसी प्रकार का कार्य उनको नहीं मिलेगा तब तक वह काम नहीं कर पाएंगे।


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