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परिंदों के शहर अंबूपुर बहेरवा पर दो विभागों की नजर

लखीमपुर: सदर ब्लॉक की ग्राम पंचायत अंबूपुर बहेरवा शहर से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 11:28 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 11:28 PM (IST)
परिंदों के शहर अंबूपुर बहेरवा पर दो विभागों की नजर
परिंदों के शहर अंबूपुर बहेरवा पर दो विभागों की नजर

लखीमपुर: सदर ब्लॉक की ग्राम पंचायत अंबूपुर बहेरवा शहर से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर है। अंबूपुर बहेरवा की पहचान परिंदों के शहर के रूप में की जाती है। चारागाह की करीब साढ़े 10 एकड़ जमीन पर लगे जंगल में सैंकड़ों प्रजातियों के परिंदे प्रवास करते हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर किए गए सुरक्षा प्रबंधों के कारण यहां कभी शिकार नहीं होता और न ही बगल से गुजरने वाली उल्ल नदी में खनन होता है। अंबूपुर बहेरवा की इस विशेषता को देखते हुए पिछले करीब 10 दिन पहले वन विभाग के एसडीओ रविशंकर शुक्ला ने स्थलीय निरीक्षण कर पक्षी संरक्षण केंद्र के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था लेकिन, अब अंबूपुर बहेरवा की यह पहचान खत्म होने जा रही है। दरअसल राजस्व विभाग ने भी चारागाह की इस जमीन पर नजर गड़ा दी है। राजस्व अधिकारियों की ओर से इस जमीन को गोशाला बनवाने के लिए चिन्हित कर दिया है। इससे ग्राम पंचायत के लोगों में रोष फैल गया है। प्रधान प्रतिनिधि राघवेंद्र बहादुर ¨सह का कहना है कि गौशाला बनने से यहां के पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचेगी। बड़ी संख्या में लोगों द्वारा पशु छोड़े जाएंगे, जिनका पालन करना एक कठिन समस्या होगी। उन्होंने कहा कि पक्षी विहार का न बनना बहेरवा और समूचे क्षेत्र के लिए बड़ा दुर्भाग्य होगा। उन्होंने पशुबाड़े के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।

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