टीम का सर्वे पूरा, महानिदेशक पर्यटन लेंगे इंदिरा पार्क पर निर्णय
इंदिरा मनोरंजन पार्क के जीर्णोद्धार के लिए नामित कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस ने अपनी कवायद शुरू कर दी है।
लखीमपुर: इंदिरा मनोरंजन पार्क के जीर्णोद्धार के लिए नामित कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस ने अपनी कवायद शुरू कर दी है। शनिवार को संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर अविनाश चौधरी सहित उनकी टीम ने यहां पहुंचकर इंदिरा पार्क का सर्वे किया और शारदानगर रेंज के अधिकारियों से वस्तुस्थिति जानी। टीम सोमवार को महानिदेशक पर्यटन की अगुवाई में होने वाली बैठक में प्रजेंटेशन करेगी। वन विभाग और प्रशासन की नजर इस बैठक पर लगी हुई है। इसी बैठक में इंदिरा पार्क के सुंदरीकरण पर निर्णय लिया जाएगा।
संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश चंद मिश्र के पत्र के अुनसार इस बैठक में प्रदेश के तीन महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर निर्णय लिया जाना है। जिसमें महेवा स्थित इंदिरा मनोरंजन पार्क बिदु संख्या एक पर रखा गया है। इसके बाद अयोध्या जिले के ब्लॉक मसौधा में स्थित भरतकुंड के पर्यटन विकास और नंबर तीन पर जनपद आगरा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े स्थल बटेश्वर के पर्यटक विकास पर मुहर लगनी है। कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस इंदिरा पार्क के जीर्णोद्धार के लिए नामित की गई है। टीम के अधिकारियों ने इंदिरा पार्क पहुंचकर वहां के हालातों के बारे में जाना और काफी देर तक नौका विहार, वन्यजीवों के रखने के लिए बनाए गए बाड़ा, अध्ययन केंद्र, शीशमहल, कैंटीन, लकड़ी के पुल आदि को बारीकी से देखा।
डीएम और प्रमुख सचिव पर्यटन ले रहे दिलचस्पी
वर्ष 2007 के बाद से बदहाली झेल रहे इंदिरा पार्क को उसके मूल अस्तित्व में लाने के लिए इस समय दो आला अधिकारियों ने दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है। डीएम शैलेंद्र सिंह के पत्र का संज्ञान लेने वाले प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम जिला प्रशासन से कई बार इसे लेकर बात भी कर चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के तीन पर्यटन स्थलों के विकास के लिए आयोजित बैठक में इंदिरा पार्क के बिदु को एक नंबर पर रखना प्रमुख सचिव की ही देन है।
सब चाहते हैं संवर जाए इंदिरा पार्क
मिनी दुधवा के नाम से इंदिरा मनोरंजन पार्क शहर से महज नौ किलोमीटर दूर हैं। पार्क के पास ही लिलौटीनाथ का धाम है। चारों ओर पेड़ों से घिरा इलाका अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है। लखीमपुर शहर की चार लाख की आबादी के लिए एक भी ऐसा पार्क नहीं है, जहां लोग जा सकें। ऐसे में सबका मन है कि इस पार्क का कायाकल्प हो जाए।