जर्जर भवन बने सुरक्षा कर्मियों का ठिकाना
लखीमपुर: घास फूस से ढकी इमारत की दीवारों को देख आप भले ही इसे खंडहर मान रहे हों।
लखीमपुर: घास फूस से ढकी इमारत की दीवारों को देख आप भले ही इसे खंडहर मान रहे हों। परंतु यही भवन क्षेत्र की रखवाली में लगे सुरक्षा कर्मियों का ठिकाना है। सरकारी आवास न होने से मजबूरन यहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को इसी में रहना पड़ रहा है। 2011 में निघासन थाने को नवीन भवन मिल गया था। नवीन भवन मिलते ही थाना नए भवन में संचालित होने लगा और पुराना भवन जर्जर होने के कारण खाली कर दिया गया। कोतवाली में तैनात एक दारोगा ने बताया कि यहां तैनात रहने वाले अधिकतर सुरक्षाकर्मी इसी जर्जर भवन में रहते हैं और कहा कि भवन काफी पुराना व घास-फूस से ढका होने के कारण अक्सर कमरों में जहरीले कीट पतंगे आ जाते हैं। साथ ही बरसात के समय छत में पानी टपकना शुरू हो जाता है। जिससे कमरों में रखा सामान खराब हो जाता है।छत से ईंटा आदि भी गिरते रहते हैं। खिड़की दरवाजा न होने से सर्दी के मौसम में काफी दिक्कत होती है। कोतवाली निरीक्षक संजय त्यागी ने बताया कि सुरक्षा कर्मियों के लिए सरकारी आवास न होने के कारण बड़ी दिक्कत होती है। मजबूरन स्टाफ को किराए के भवन का सहारा लेना पड़ता है। जिससे समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी होता है। कुछ सुरक्षाकर्मियों ने जर्जर भवन में मजबूरन अपना आवास बना रखा है।