जलालपुर में फैला डेंगू , आधा दर्जन मौतों के बाद भी नहीें चेता महकमा
के पूर्व गांव में मरीजों की जांच कर स्लाइडें बनवाई गई थी। शुक्रवार को हुई दो मौतों की जांच की जा रही है कि यह मौते डेगूं से हुई या किसी अन्य कारणों से। गांव में गंदगी का अंबार है।
संवादसूत्र, रजागंज (लखीमपुर): सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांकेगंज के अंतर्गत ग्राम जलालपुर में करीब एक माह से कई दर्जन ग्रामीण डेंगू बुखार की चपेट में है। जिसमें दीवाली के पहले डेंगू बुखार से पीड़ित 4 लोगों की जान जा चुकी है। जिसके बाद डीएम के आदेश के बाद चिकित्सकों ने गांव पहुंचकर खानापूर्ति कर चले गए। जिसके बाद ग्रामीणों को समुचित इलाज न मिल पाने के कारण कई डेंगू पीड़ित ग्रामीण गोला, लखीमपुर, लखनऊ में इलाज करा रहे है। वहीं शुक्रवार को फिर डेंगू पीड़ित दो लोगो की मौत हो गई। जिसकी खबर सुनकर सीएचसी बांकेगंज अधीक्षक डॉ. कृष्ण कुमार रंजन अपनी टीम के साथ सोमवार को गाव पहुंचे और डेंगू बुखार से हुई दो लोगों की मौत के बारे में जांच करते हुए, पीड़ित परिवार से मिले और गांव के मरीजों की जांच शुरु की। ग्राम जलालपुर निवासी अफाना पत्नी खुर्शीद व शकील का 5 वर्षीय पुत्र इनायत ने डेंगू बुखार के चलते शुक्रवार को दम तोड़ दिया। तो वही ग्राम निवासी भगवानदीन पुत्र तेजराम वर्मा 32 व विनय वर्मा 35 का लखनऊ में इलाज चल रहा है। शीबू पुत्र हिकमत अली 18 व अमनउल्ला खां पुत्र शकील, यासीन पुत्र अजीउल्ला 42 का इलाज गोला में एक निजी अस्पताल में चल रहा है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अल्ताफ अंसारी ने बताया दीवाली के पहले तीन दिन में चार मौते होने के बाद सीएचसी बांकेगंज की चिकित्सकों की टीम गांव आई थी। मरीजों को लाल-पीली गोली दी। जिसके बाद कोई चिकित्सक गांव में नहीं आया, जिस कारण बराबर डेंगू का प्रकोप गाव में फैल रहा है।
जिम्मेदार की सुनिए
सीएचसी अधीक्षक केके रंजन ने बताया कि दीपावली के पूर्व गांव में मरीजों की जांच कर स्लाइडें बनवाई गई थी। शुक्रवार को हुई दो मौतों की जांच की जा रही है कि यह मौते डेंगू से हुई या किसी अन्य कारणों से। गांव में गंदगी का अंबार है। गांव के चारों ओर कोल्हू लगे है। जिस कारण मच्छरजनित रोग होने स्वाभाविक है। ग्राम प्रधान को कीटनाशक व दवाओं का छिड़काव कराना चाहिए।