घनी आबादी में फटा सि¨लडर, छह लोग घायल
जागरण संवाददाता, लखीमपुर : शहर की सब्जी मंडी में काफी घनी आबादी के बीच एक मकान की ऊप
जागरण संवाददाता, लखीमपुर : शहर की सब्जी मंडी में काफी घनी आबादी के बीच एक मकान की ऊपरी मंजिल के कमरे में शुक्रवार को गैस चूल्हे पर सब्जी बनाते समय अचानक गैस लीक होने से आग लग गई। इससे वहां रखे दो गैस सि¨लडर फट गए। इसके बाद तेज धमाके के साथ उस कमरे की छत ढह गई। हादसे में छह लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। घटना की सूचना पाकर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत कर आग बुझाई, जिससे एक बहुत बड़ा हादसा होने से बच गया। अगर समय रहते हालातों पर काबू न पाया जाता तो कई लोगों की जान भी आफत में पड़ सकती थी।
सब्जी मंडी में पंकज शुक्ला पूड़ी वालों की रसोई एक मकान की ऊपरी मंजिल पर है। शुक्रवार को दोपहर में इसी रसोई में गैस चूल्हे पर सब्जी बनाई जा रही थी। तभी सि¨लडर से गैस रिसने से वहां अचानक आग लग ई। ये देख रसोई में काम कर रहे लोगों में अफरा-तफरी मच गई और सभी बाहर की ओर भागे। इस बीच चूल्हे में लगा सि¨लडर और उसके बाद एक और सिलंडर तेज धमाके के साथ फट गया। सि¨लडर फटने से आग तो तेजी से भड़क ही उठी, रसोई की छत भी ढह गई। साथ ही पास के मकान की छत और दीवारें भी तेज धमाके से क्षतिगस्त हो गईं। इस भीषण हादसे से वहां आसपास चीख-पुकार मच गई और कुछ लोग आग बुझाने के लिए मकान में घुसे, जिसमें पास की ही रहने वाली रागिनी गुप्ता (35) पत्नी विकास गुप्ता, मीना गुप्ता (40) पत्नी मनोज गुप्ता, महेश गुप्ता (40), शीर्ष गुप्ता (32), लक्ष्मण मछली वाला और पंकज पूड़ी वालों का भाई नीरज शुक्ला घायल हो गए। इन सभी को उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। हादसे की सूचना मिलते ही मिश्राना चौकी प्रभारी अजय ¨सह, संकटा देवी चौकी प्रभारी हरिदास चौरसिया और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस और फायर ब्रिगेड कर्मियों ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया, जिससे हादसा और भी बड़ा नहीं हो पया।
चार-पांच फिट की तंग गली में रखा था मौत का सामान
सब्जी मंडी की जिस गली में गैस सि¨लडर फटने से भीषण हादसा हुआ, वह गली महज चार-पांच फिट ही चौड़ी है। इसके साथ ही उस मकान के चारों तरफ घनी आबादी होने के अलावा सब्जी मंडी होने के कारण सैकड़ों लोगों की आवाजाही वहां बनी रहती है। जिस गली में ये हादसा हुआ, वहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी तक नहीं पहुंच सकती। हालांकि दमकल कर्मियों ने किसी तरह लंबी पाइप के जरिए वहां तक पानी पहुंचा कर आग बुझाई। जिस रसोई में हादसा हुआ, वहां कुल आठ भरे सि¨लडर रखे थे। ऐसे में अगर और भी गैस सि¨लडर फट जाते या फायर ब्रिगेड के पहुंचने में जरा भी देर हो जाती तो कई लोगों की जान पर बन सकती थी।
घरेलू सि¨लडरों से हो रहा था व्यवसायिक काम
गैस सि¨लडर फटने की घटना जिस रसोई में हुई, वहां दुकान पर बेंचे जाने के लिए पूड़ी सब्जी बनाने का काम होता है। हादसे के बाद जो आठ सि¨लडर मौके से बरामद हुए, वह सभी घरेलू थे, जिनका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा था। इसको लेकर लोगों में ये बड़ा सवाल रहा कि आखिर कैसे और किसकी सरपरस्ती में शहर के बीचोबीच ये अवैध काम हो रहा था। अगर नियमानुसार व्यवासायिक सि¨लडरों का उपयोग वहां हो रहा होता तो हादसा होने से बच जाता।