हत्यारोपित की पत्नी ने दी तहरीर, मुकदमे पर पुलिस असमंजस में
जसविदर सिंह उर्फ पप्पू की आत्महत्या को नकारते हुए उसकी पत्नी कमलजीत कौर ने हत्या का आरोप लगाया।
लखीमपुर: जसविदर सिंह उर्फ पप्पू की आत्महत्या को नकारते हुए उसकी पत्नी कमलजीत कौर ने हत्या का आरोप लगाया है। पत्नी ने तहरीर देकर पुलिस से रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है। यह तहरीर गुरुवार को अंतिम संस्कार करने से पहले पुलिस को दी। उसमें बताया कि उसके पति ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उनकी हत्या की गई है। उसने दो लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। हत्यारोपी की पत्नी की तहरीर को लेकर पुलिस सोच में पड़ी है कि मुकदमा दर्ज किया जाए या नहीं।
आरोप है कि रंजिश के चलते जसविदर सिंह उर्फ पप्पू ने दो जनवरी को भूपेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के बाद से आरोपित फरार चल रहा था, लेकिन 12 जनवरी को पप्पू का शव उसके घर से ही मिला। पास से दो तमंचे भी मिले थे। पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया था। उसकी पत्नी ने कहा कि उसके पति ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि सोची समझी रणनीति के साथ उनकी हत्या की गई है। उसने दो लोगों के नाम भी दिए हैं।
इस संबंध में क्षेत्राधिकारी संजय नाथ तिवारी का कहना है कि प्रथम ²ष्टया तो आत्महत्या ही लगता है। मृतक की मां ने भी आत्महत्या ही लिख कर दी है, लेकिन उसकी पत्नी हत्या का आरोप लगा रही है। यह जांच का विषय है। दुष्कर्म के मुकदमे में अभियुक्त को पांच साल की सजा दुष्कर्म के मुकदमे में आरोप सिद्ध हो जाने पर एडीजे विकास श्रीवास्तव ने अभियुक्त कैलाश को पांच साल की सजा व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमा पैरवी कर रहे सहायक शासकीय अधिवक्ता रमा रमन सैनी ने बताया कि थाना सिगाही क्षेत्र निवासी पीड़िता 26/27 फरवरी की रात परिवार के साथ सो रही थी । रात दो बजे के करीब पीड़िता पेशाब करने घर मे बनी टटिया में गयी तभी पहले मौजूद अभियुक्त कैलाश ने पीड़िता को पकड़ लिया मुंह पर तमंचा रखकर कुछ दूर पायरे पर ले जाकर दुष्कर्म करने की नीयत से उससे अश्लील हरकत शुरू कर दी। शोर सुनकर घरवाले व पड़ोसी आ गए तब अभियुक्त फायर करके भाग गया । घटना की रिपोर्ट थाना सिगाही में दर्ज हुई । मुकदमा एडीजे की अदालत में परीक्षण किया गया। अभियोजन पक्ष ने मुकदमे के समर्थन में पीड़िता, डॉ वीके वर्मा, डॉ मीरा को गवाही में पेश किया । आरोप सिद्ध हो जाने पर न्यायाधीश विकास श्रीवास्तव ने अभियुक्त को पांच साल के कारावास व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।