कड़ी सुरक्षा में अंतिम संस्कार, एसओ लाइन हाजिर
संवादसूत्र गोकर्णनाथ (लखीमपुर) थाना हैदराबाद पुलिस की हिरासत में हुई विवेक की रहस्यमय मौत की गुत्थी पुलिस के स्वयं के बचाव व अदूरदर्शिता के चलते पहेली बनती जा रही है।
लखीमपुर : थाना हैदराबाद के नजदीक हुई युवक की संदिग्ध हालातों में मौत के मामले में एसओ हैदराबाद को लाइन हाजिर कर दिया गया गया है। वहीं कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को मृ़तक विवेक वर्मा का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। एडीएम अरुण कुमार सिंह की मौजूदगी में हुए अंतिम संस्कार में कई थानों की पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी मौजूद रहे। वहीं दूसरी ओर इस मामले में विवेक की महिला दोस्त अंजलि और उसके पति को भी विवेक को आत्महत्या के लिए विवश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही पूरे मामले की जांच सीओ गाला को सौंप दी गई है। वहीं परिवारीजन पुलिस की ये कार्रवाई अभी तक नाकाफी मान रहे हैं और उनका कहना है कि इस मामले में अन्य पुलिस वाले भी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
ये था मामला
हैदराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम लोनपुरवा निवासी 22 साल के विवेक वर्मा पुलिस की हिरासत में थे। उन पर एक शादीशुदा मीहला को भगा ले जाने का आरोप था। बताते हैं कि इस मामले में शुक्रवार को महिला के बयान होने थे उससे पहले ही संदिग्ध हालातों में विवेक की मौत हो गई। घरवालों के मुताबिक उसने थाने में आत्महत्या की लेकिन पुलिस इसे थाने से करीब दो सौ मीटर दूर एक पाकड़ के पेड़ में लटककर आत्महत्या करने की बात कह रही है। आरोप ये भी था कि पुलिस वालों ने घर वालों को सूचना नहीं दी और शव को उतरवाकर भेज दिया। उनका ये भी कहना था कि सुबह आठ बजे विवेक की उसके भाई से बात हुई लेकिन जब दस बजे वह थाने पहुंचा तो वहां विवेक नहीं मिला।
दो परिवारों की जिदगी दांव पर
दो परिवारों की जिदगी भी दांव पर है। एक परिवार के युवक की रहस्यमय मौत के साथ अंत हो गया। तो वहीं दूसरे परिवार मुकेश के अपनी पत्नी को भगा ले जाने की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित युवक को चार दिनों तक हिरासत में रखा था। अब पुलिस ने मुकेश उसके भाई जितेन्द्र व पत्नी अंजलि के विरुद्ध विवेक के उत्पीड़न व आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी करने के साथ मामला वादी परिवार के ही मत्थे मढ़कर अपने गले की फांस निकालने की कवायद शुरु कर दी है।
16 थानों के एसओ रहे अंतिम संस्कार में मौजूद
22 थानों से 16 थानाध्यक्ष, 50 उपनिरीक्षक, 270 सिपाही, 86 महिला सिपाही, 1 फायर टेडर सहित सिविल पुलिस बल तैनात कर दिया है। समूचे गांव में भारी भरकम पुलिस फोर्स की तैनाती भी लोगों का मनोबल डिगाने में कामयाब नहीं होती दिखी। गांव में हालात पर नियंत्रण के साथ उच्च प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मृतक के शव के दफन संस्कार होने तक गांव में डटे रहे।
मगर भाई की जुबानी कुछ और है कहानी
विवेक की रहस्यमय मौत के मामले में उसके भाई संदीप पुत्र भगौती प्रसाद निवासी उदयपुर थाना हैदराबाद ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उसका भाई विवेक 15 फरवरी को अंजली वर्मा पत्नी मुकेश वर्मा के साथ शाहजहांपुर चला गया था। सूचना मिलने पर 17 फरवरी को उसने थाने में अंजली व विवेक को लिखित रुप से पुलिस की सुपुर्दगी में दिया था। इसके बाद प्रतिदिन उसे खाना देने जाता था। 21 फरवरी को सुबह आठ बजे भाई विवेक से 9264989691 नंबर से बात हुई। इसके दो घंटे बाद जब वह खाना देने थाने पहुंचा। तब उसका भाई वहां मौजूद नहीं था। पुलिस ने बताया कि वह कहीं गया है। थोड़ी देर बाद थाने के दीवान के द्वारा पंचनामा के लिए दबाब बनाने पर उसने पूछा तो बताया गया कि उसका भाई पीछे पेड़ पर लटक गया और यह कहने के बाद उसके साथी लालाराम के द्वारा मनमुताबिक दीवान ने प्रार्थनापत्र लिखवा लिया और उस पर उसके हस्ताक्षर करा लिए।
हाईटेक पुलिस, मॉनीटरिग के लिए लगे कैमरे खराब
थाना कोतवालियों को हाइटेक करने के शासन के दावे व प्रशासन के भरपूर प्रयास शुक्रवार को विवेक की रहस्यमय मौत के बाद हवा में उड़ते नजर आए। थाना हैदराबाद में हर बात की मॉनीटरिग के लिए लगाए गए कैमरों में थाने में हुई किसी भी गतिविधि का कोई रिकार्ड कैमरों की सीसीटीवी फुटेज में नहीं मिल पा रहा है। यह समझ से परे है कि थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे आखिर कब से खराब है और क्यों उन्हे सही नहीं कराया गया।
जिम्मेदार की सुनिए
इस मामले में फौरी तौर पर एसओ हैदराबाद धर्मदास सिद्धार्थ को लाइन हाजिर किया गया है। साथ ही उस वक्त थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच एएसपी को सौंपी गई है। इस मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना सीओ गोला कर रहे हैं जबकि इस मामले में विभागीय कार्य में हुई लापरवाही की जांच सीओ मितौली को दी गई है। सभी जगहों की रिपोर्ट मिलते ही इस मामले में जितने भी दोषी नजर आएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।
पूनम, एसपी