कलेक्ट्रेट के पड़ोस में भूख से तड़प रहीं गायें
* बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण खीरी में भी हवा हुई खराब * बीस साल में खीरी के लोगों की घट गई 7 . 22 साल उम्र दीवाली के बाद हवा की हालत और ज्यादा खराब हो गई है तमाम हिदायतों के बावजूद दीवाली पर हुई बेतहाशा आतिशबाजी हुई ।
लखीमपुर : कलेक्ट्रेट के करीब 100 मीटर के फासले पर नगर पालिका द्वारा पानी की टंकी के नीचे बनाए गए गोशाला में गायों की हालत बेहद दयनीय है। गाएं भूख से तड़प रही हैं और नगर पालिका उनके खाने का इंतजाम नहीं कर रही है।
नगर पालिका की इस अनदेखी से व्यथित होकर रविवार को गायों की देखभाल से तैनात संविदाकर्मी नीरज कुमार गौतम पानी की टंकी पर चढ़ गया। नीरज ने गायों की दुर्दशा की ओर लोगों का ध्यान खींचा और आरोप लगाया कि गायों को कभी हरा चारा नहीं दिया जाता। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पहुंच गई। जिसके बाद लोगों के काफी समझाने के बाद नीरज ऊपर से उतरा और लोगों को वह सूखा भूसा दिखाया, जो काफी दिनों से रखे थे। मौजूदा समय में गोशाला में 10 से 12 गाएं हैं लेकिन, भूख-प्यास से तड़प रही इन गायों की सेहत काफी जर्जर है। गोशाला में गायों के इलाज के लिए डॉक्टर नियमित नहीं आते। जिससे कई गाएं बीमार हैं।
दो महीने में मर चुकी हैं 10 से 12 गाय
नीरज के मुताबिक, गोशाला की अनदेखी और डॉक्टरों के न आने के कारण दो महीने के अंतराल में 10 से 12 गायों की मौत हो चुकी है। यहां प्रतिदिन एक-दो गाय बीमार ही रहती हैं। समय पर भोजन और इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो जाती हैं।
जिम्मेदार की सुनिए
नगर पालिका अध्यक्ष निरुपमा वाजपेयी का कहना है कि गोशाला में ज्यादातर बूढ़ी और कमजोर गाएं ही आती हैं। उन्हें चारा और इलाज दिया जाता है। कमियों के बाबत आज ही जिम्मेदारों से बात हुई है। बजट की कोई कमी नहीं है, सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएंगी।