बाजार की दवाओं के सहारे चल रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
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लखीमपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरधान पूरी तरह बाजार की दवाओं के सहारे चल रहा है। छोटी-छोटी बीमारियों में भी मरीज को बाजार से दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। फरधान अस्पताल में बीते साल भर से पैरासिटामॉल जैसी महत्वपूर्ण टेबलेट की भी कमी रही है।
एंटीफंगल दवाएं साल भर से अस्पताल में नहीं हैं। यहां तक कि बाढ़ के समय भी फरधान अस्पताल में एंटी फंगल दवाओं का टोटा रहा। एंटीबायोटिक दवाओं की कमी मरीजों पर भारी पड़ती है। खांसी, बुखार, पेट दर्द, उल्टी जैसी सामान्य बीमारी की दवाओं का भी टोटा है। दवाओं की कमी के कारण ही ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या घटकर आधे से भी कम रह गई है। जहां पहले लगभग 350 मरीज आते थे, अब 150 से 200 तक ही आ रहे हैं। उनमें भी अधिकांश मरीजों को दवाएं बाहर से ही खरीदनी पड़ रही हैं। सीरप के नाम पर अस्पताल में दवाएं ही नहीं हैं। बुखार में बच्चों को दी जाने वाली पीसीएम सीरप तक अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। भले ही साल भर से अस्पताल में दवाओं का टोटा है, फिर भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. आदर्श कुमार चौरसिया कहते हैं अस्पताल में दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।