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ग्लैंडर्स रोग से बचाव के तरीके बताए

संवाद सूत्र लखीमपुर अश्व प्रजाति पशु कल्याण कार्यक्रम में इंडिया के तहत उत्तर प्रदेश बनवासी सेवा संस्थान पलिया कला द्वारा अश्व कल्याण समारोह का आयोजन कृष्णा मैरिज हॉल अर्जुनपुरवा में किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 10:26 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 06:10 AM (IST)
ग्लैंडर्स रोग से बचाव के तरीके बताए
ग्लैंडर्स रोग से बचाव के तरीके बताए

लखीमपुर : अश्व प्रजाति पशु कल्याण कार्यक्रम में इंडिया के तहत उत्तर प्रदेश बनवासी सेवा संस्थान पलियाकलां द्वारा अश्व कल्याण समारोह का आयोजन कृष्णा मैरिज हॉल अर्जुनपुरवा में किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरुण कुमार तिवारी ने उपस्थित महिलाओं को घोड़े की जानलेवा बीमारी ग्लैंडर्स और पशुपालन विभाग द्वारा मिलने वाली सभी योजनाओं का लाभ के बारे में जानकारी दी।

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खीरी जिले में बड़ी संख्या में महिलाएं घोड़ा गाड़ी से लेकर अन्य्य कार्यों में खच्चरों का उपयोग करती हैं। श्रम अधिकारी आरएन यादव ने लेबर कार्ड और आयुष्मान भारत योजना के बारे में महिलाओं को विस्तार से जानकारी दी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक प्रदीप कुमार गौतम रिवॉल्विग फंड 15000 और सीआइएफ 11000 के उपयोग और समूह में आंतरिकरण के बारे में बताया। ग्रुप इंडिया के कम्युनिटी मोबिलाइजर कुमार वर्मा समूह का दस्तावेजगण कैसे करें और रिकॉर्ड का लेखा-जोखा करने के बारे में बताया। ब्रुक इंडिया के डॉ. वसीउल्लाह ने बताया कि ग्लैंडर्स बीमारी मुख्यत: घोड़ों व खच्चरों में पाई जाती है। बीमारी घोड़ों, गधों व खच्चरों से सुअर व गाय, भैंसों के अलावा दूसरे स्वस्थ पशुओं में भी फैल जाती है। मनुष्यों में भी यह बीमारी हो सकती है। बीमारी से बचाव के लिए स्वस्थ पशुओं को बीमार पशुओं से दूर रखें। वीडियो फिल्म दिखाई जिसमें बीमारी का कारण लक्षण बचाव और इलाज की जानकारी दी गई। पुरस्कार वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। प्रशिक्षण में जिले की 45 महिलाएं शामिल थीं। विकासखंड कुलविदर की महिला शबीना जो पिछले 10 वर्षों से तांगा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है। इस कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया गया।


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