समान संवर्ग से वरिष्ठ सहायक बने सात उर्दू अनुवादक रिवर्ट
-वर्ष 2001 से चल रही थी गड़बड़ी कराई जा सकती है रिकवरी संवादसूत्र लखीमपुर ग्राम्य विकास विभाग में अभिलेखों में गड़बड़ी कर वरिष्ठ सहायक बनाए गए सात उर्दू अनुवादकों को रिवर्ड कर उनके मूल पद पर भेज दिया गया।
लखीमपुर: ग्राम्य विकास विभाग में अभिलेखों में गड़बड़ी कर वरिष्ठ सहायक बनाए गए सात उर्दू अनुवादकों को रिवर्ट कर उनके मूल पद पर भेज दिया गया। डीडीओ अरविद कुमार ने मामला संज्ञान में आने पर और कोर्ट में अर्जी खारिज होने के बाद यह कार्रवाई की है। इसके बाद भी कर्मचारियों से आपत्तियां मांगी गई हैं, संभव है कि प्रमोशन के साथ बढ़कर मिले वेतन की रिकवरी कराई जा सकती है।
जिन्हें रिवर्ट किया गया है, उनमें मो. मोबीन अंसारी, मो. इरफान, कमाल अहमद, जाहिद हुसैन, मोहिउद्दीन, अयूब अली और मिर्जा मो. वसी शामिल हैं। डीडीओ के मुताबिक उर्दू अनुवादक संवर्ग और समान संवर्ग दोनों अलग-अलग हैं लेकिन, वर्ष 2001 में अभिलेखीय गड़बड़ी कर उर्दू अनुवादक संवर्ग को समान संवर्ग की सूची में शामिल कर लिया। जिसके कारण उर्दू अनुवादक संवर्ग को प्रमोशन का लाभ मिला, जबकि समान संवर्ग इससे प्रभावित हुआ। कई बार ये मामला तत्कालीन जिला विकास अधिकारियों के समक्ष उठाया गया लेकिन, किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। वर्ष 2014 में शासन ने दोनों संवर्गों को अलग-अलग करने का निर्देश दिया जिसे पूरे प्रदेश में अमल में लाया गया लेकिन, खीरी जिले में स्थितियां नहीं बदलीं। इधर, समान संवर्ग से वरिष्ठ सहायक बने उर्दू अनुवादकों ने पद बचाने के लिए कोर्ट में भी अर्जी दी लेकिन, अर्जी खारिज कर दी गई। जिसके बाद डीडीओ ने छह वरिष्ठ सहायकों को उनके मूल पद उर्दू अनुवादक के पद पर भेज दिया। अब इनके समस्त लाभ देयक आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर उनके परिवर्तित हुए पद के अनुरूप वेतन निर्धारण का निर्देश दिया है।