गेहूं का बीज सीमा पार पहुंचा रहे तस्कर
संवादसूत्र खजुरिया (लखीमपुर) खजुरिया से नेपाल के लिए गेहूं के बीज कीटनाशक एवम कृषि यंत्रों की तस्करी की जा रही है। साथ ही उर्वरक एवं इलेक्ट्रानिक्स सामानों को भी तस्करी के जरिये बड़े पैमाने पर नेपाल पहुंचाया जा रहा है।
लखीमपुर : भारत-नेपाल की खुली सीमा बहुत सी चीजों की तस्करी के लिए बदनाम है। अब तस्करी के माल के रूप में भारतीय गेहूं बीज भी शामिल हो गया है। इन दिनों जिले से सटी नेपाल सीमा पर गेहूं बीज की तस्करी जोरों पर है। रोजाना सैकड़ों बोरी गेहूं बीज इस तरह भारत से नेपाल जा रहा है।
दरअसल, गेहूं बोआई की तैयारियां शुरू होते ही तस्करों का ध्यान कृषि से जुड़ी चीजों की ओर केंद्रित हो गया है। हर बार ऐसा होता रहा है। फसल की बुआई के वक्त वैसे तो हर साल खाद की तस्करी खूब होती रही है लेकिन इस बार गेहूं बीज, कीटनाशक और खेती की दवाएं उस पार भेजी जा रही हैं। संपूर्णानगर के खजुरिया इलाके से सटी नेपाल सीमा पर ऐसा खूब हो रहा है। आलम यह है कि लोड डीसीएम यहां आते ही कुछ ही देर में गेहूं बीज साइकिलों से सीमा पार नेपाल पहुंच जा रहा है। इसके अलावा कीटनाशक, कृषि यंत्र भी नेपाल पहुंचाए जा रहे हैं। उर्वरक की तस्करी तो यहां बेकाबू होती जा रही है। उधर नेपाल से विदेशी मटर और छुहारा आदि साइकिलों से भारत लाई जा रही है। सर्वाधिक तस्करी कमलापुर कब्रिस्तान और पिलर नंबर 209 व 210 से हो रही है। यह तस्करी सुबह से ही शुरू हो जाती है और पूरे दिन चलती है।
तगड़ा मुनाफा कमा रहे धंधेबाज
गेहूं बीज का सरकारी रेट 33 सौ रुपये प्रति क्विंटल है। खजुरिया इलाके में प्राइवेट दुकानदारों के यहां ये बीज गुणवत्ता के हिसाब से 1200 से 1250 रुपये प्रति बोरी में उपलब्ध है। बोरी में 50 किलोग्राम बीज आता है। नेपाल में यहीं बोरी जो तस्करी करके पहुंचाई जाती है। वहां यह 1400 रुपये की बिकती है। इस हिसाब से बीज की तस्करी में लगे धंधेबाज प्रति बोरी दो सौ रुपये तक कमा रहे हैं।
सीमा पर तस्करी को रोकने के लिए संबंधित थानाध्यक्षों को कड़ी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सीमा पर एसएसबी भी मुस्तैद है। नेपाल के अधिकारियों के साथ होने वाली बैठकों में तस्करी के मुद्दे पर चर्चा कर इसे रोकने के लिए साझा रणनीति बनाई गई है।
पूनम, एसपी-खीरी