टिड्डी दल के आगमन को लेकर कृषि विभाग का अलर्ट
लखीमपुर-खीरी जिले में भी टिड्डी के संभावित प्रकोप का खतरा है। रविवार को एक झुंड फर्रुखाबाद में भी देखा गया है। हरदोई जिले में टिड्डी का दल गंगा के उस पार ही रहा है।
लखीमपुर : टिड्डी दल के उन्नाव, बदायूं, अलीगढ़, फर्रुखाबाद से सिद्धार्थनगर तक पहुंचने की सूचना प्राप्त हुई है। लखनऊ व संडीला, हरदोई में भी पहुंचने की संभावना है। आसपास के अन्य जिलों सहित लखीमपुर-खीरी जिले में भी टिड्डी के संभावित प्रकोप का खतरा है। रविवार को एक झुंड फर्रुखाबाद क्षेत्र में भी देखा गया है। हरदोई जिले में टिड्डी का दल गंगा के उस पार ही रहा है।
कृषि विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि इस परिस्थिति पर पैनी निगाह बनाए रखें तथा अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहें। टिड्डी दल रात के समय विश्राम करने के लिए जहां आश्रय लें उस जगह को चिन्हित कर इसकी त्वरित सूचना कृषि विभाग व जिला प्रशासन या पीपीओ को प्रेषित करें। ताकि उनका समय रहते नियंत्रण संभव हो सके। नियंत्रण के लिए कीटनाशकों का प्रयोग रात से लेकर सुबह इनके पलायन करने तक किया जा सकता है। टिड्डी प्रबंधन के लिए कुछ सुझाव टिड्डी दल को खेत में न बैठने दें। उन्हें भगाने के लिए तेज आवाज उत्पन्न करने के लिए ढोल, नगाड़े, खाली डब्बे, पटाखे, लाउडस्पीकर अथवा अन्य तेज ध्वनि उत्पन्न करने वाले संसाधनों का उपयोग करें। प्रकोप होने की अवस्था में खेतों में आग जलाने तथा पटाखों का उपयोग भी लाभकारी सिद्ध होगा। नीम आधारित कीटनाशकों का तीन मिलीलीटर प्रति लीटर पानी का घोल फसलों को बेस्वाद अथवा टिड्डियों के लिए अरुचिकर बना देगा। टिड्डियां जहां आश्रय लेती हैं वहीं जमीन में अपने अंडे दे देतीं हैं। अधिक जानकारी या सूचना देने के लिए कृषि विभाग के अपने न्याय पंचायत, ब्लॉक के कर्मचारियों से संपर्क करें। विशेष परिस्थितियों में कृषि रक्षा अधिकारी (पीपीओ 7310273933), जिला कृषि अधिकारी (डीएओ 8853732383) या उप कृषि निदेशक (9838500059) से भी संपर्क कर सकते हैं। साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र गोला के वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार विश्वकर्मा 9415716654 से भी सलाह व संपर्क कर सकते हैं।