धूप हो या बारिश खुले आसमान में लाइन लगा रहे खाताधारक
कोरोना के समय भी किसानों को बैंक में अपना खाता चालू करवाना मुश्किल हो रहा है। खाताधारकों को पूरा दिन धूप में तपना पड़ रहा है। बारिश पर भी खुले आसमान में लाइन लगाने को विवश होना पड़ रहा है।
लखीमपुर: कोरोना वायरस की महामारी के समय हर तरफ परेशानी से घिरे किसानों को बैंक में अपना खाता चालू करवाना भी मुश्किल हो रहा है। खाताधारकों को अपने पुराने खातों में आधार लगवाने के लिए पूरा-पूरा दिन धूप में बैंक के सामने तपना पड़ रहा है। बारिश होने पर भी खुले आसमान में लाइन लगाने को विवश होना पड़ रहा है।
इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में हो जाने के कारण पहले से खुले लगभग 80 फीसदी खाते बंद कर दिए गए हैं। लगभग दो साल पहले प्रधानमंत्री ने ग्रामीणों को घर-घर बैंकिग सुविधाएं देने के लिए लगभग हर गांव में बीसी सेंटर खुलवाए थे। महामारी के समय इन बीसी सेंटरों ने जनता का सहयोग भी किया, लेकिन बैंक विलय होने के कारण आधार फीड करवाने की समस्या ने इस महत्वाकांक्षी योजना को ग्रहण लगा दिया। खातों पर रोक लगी होने के कारण ग्राहक सेवा केंद्रों पर भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिससे दर्जनों गांव के किसान कस्बा स्थित इलाहाबाद बैंक के सामने पूरा-पूरा दिन तपती धूप में खड़े रहने को विवश हो रहे हैं। बैंक के सामने स्थित जगह के सापेक्ष कई गुना संख्या होने के कारण लाख कोशिशों के बावजूद लॉकडाउन के नियम बखूबी नहीं चल पा रहे हैं। इस संबंध में शाखा प्रबंधक नीरजा मिश्रा का कहना है कि काफी खाताधारकों के आधार फीड हो चुके हैं। खातों पर रोक लगी होने के कारण कुछ दिनों से बैंक में भीड़ अधिक हो रही। आधार फीड होते ही भीड़ की समस्या खत्म हो जाएगी।