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हाथियों को लोकेट करने बंगाल से आए 24 ट्रैकर

संवादसूत्र लखीमपुर नेपाल से आए हाथियों को घेर कर वापस भेजने में कामयाबी न मिलने पर वन विभाग ने अब पश्चिम बंगाल से मदद ली है। वहां से 24 ट्रैकर बुलाए गए हैं जो हाथियों को जंगल में लोकेट करेंगे और उन्हें वापस भेजने की कवायद होगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 10:53 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 06:02 AM (IST)
हाथियों को लोकेट करने बंगाल से आए 24 ट्रैकर
हाथियों को लोकेट करने बंगाल से आए 24 ट्रैकर

लखीमपुर: नेपाल से आए हाथियों को घेर कर वापस भेजने में कामयाबी न मिलने पर वन विभाग ने अब पश्चिम बंगाल से मदद ली है। वहां से 24 ट्रैकर बुलाए गए हैं, जो हाथियों को जंगल में लोकेट करेंगे और उन्हें वापस भेजने की कवायद होगी। पिछले दिनों दो ग्रुपों में बंटे हाथियों ने कांबिग कर रहे वनकर्मियों को घेर लिया था। फायरिग करने के बाद बड़ी मुश्किल से उनकी जान बच पाई थी। इस घटना से सबक लेते हुए ट्रैकर बुलाए गए हैं। हाथियों को लोकेट करने में इन्हें महारत हासिल है।

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अधिकारियों के मुताबिक इनदिनों नेपाल से आए 25 हाथियों का दल मैलानी जंगल के जटपुरा बीट में डेरा जमाए हुए हैं। पिछले दिनों महेशपुर रेंज में इन हाथियों ने मुकुंदापुर गांव में किसानों की 10 एकड़ गन्ने की फसल उजाड़ दी थी। गनीमत यह रही कि किसानों से हाथियों का आमना-सामना नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल से आए सभी ट्रैकर पगचिन्ह देखकर हाथियों के मूवमेंट और जंगल में मौजूदगी का पता लगाएंगे। जिसके वनकर्मियों उन्हें प्रयास करके उसी रास्ते की ओर मोड़ेंगे जिधर से वह आए थे। बफरजोन के डीडी डॉ. अनिल पटेल ने बताया कि हाथियों को लोकेट करने के तरीकों के बारे में ट्रैकर वन विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी करेंगे।


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