'प्रेरणा' को पसंद करने लगे 2000 शिक्षक
संवादसूत्र लखीमपुर परिषदीय स्कूलों की हालत बेहतर करने के उद्देश्य से लागू हो रहे प्रेरणा एप अब धीरे-धीरे शिक्षकों के बीच पसंद किया जाने लगा है।
लखीमपुर: परिषदीय स्कूलों की हालत बेहतर करने के उद्देश्य से लागू हो रहे प्रेरणा एप अब धीरे-धीरे शिक्षकों के बीच पसंद किया जाने लगा है। यूपी डेस्को से लिक मिलने के बाद जब एप को सर्च किया गया तो पता चला कि शिक्षक संघ के विरोध के बीच जिले के 1200 स्कूलों के 1600 शिक्षकों ने प्रेरणा को डाउनलोड कर लिया है। हालांकि शिक्षक संघ का बड़ा तबका अभी भी तमाम सवालों के साथ विरोध में खड़ा है। यह हाल तब है जब बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ब्लॉकों पर शिक्षकों संग बैठक कर प्रेरणा की खूबियां समझा रहे हैं। धौरहरा के शिक्षकों को प्रेरणा की खूबियां समझाने के बाद बीएसए बुद्धप्रिय सिंह बुधवार को पसगवां पहुंचे थे, उन्होंने शिक्षकों से संवाद किया और कहा कि शिक्षकों को सिर्फ यही पता है कि उन्हें सुबह आठ बजे सेल्फी डालनी है। शिक्षकों में एप को लेकर तमाम भ्रांतियां हैं। एक बार शिक्षकों को प्रेरण से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में देखना चाहिए। प्रेरणा अब शिक्षकों के बीच उत्सुकता का कारण बन गया है। गुरुवार तक इस एप को डाउनलोड करने वाले शिक्षकों में कई गुना वृद्धि होगी।
तीस हजार बच्चों के लिए 6000 लीटर दूध की सप्लाई शुरू
फोटो 04एलएके 031
संवादसूत्र, लखीमपुर: पराग से अनुबंध के बाद बुधवार से नगरीय क्षेत्र और लखीमपुर ब्लॉक के सभी परिषदीय स्कूलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर दूध की सप्लाई शुरू कर दी गई। बीएसए बुद्धप्रिय सिंह ने शिक्षा अधिकारियों के साथ सदर स्कूल में बच्चों को दूध वितरित कर इसकी शुरूआत की। इस प्रयास से दोनों जगहों के करीब 400 स्कूलों के तीस हजार बच्चों को हर बुधवार को दूध आसानी से मिल सकेगा। शासन से प्राथमिक विद्यालय के एक बच्चे के लिए 150 ग्राम तथा जूनियर हाईस्कूल के एक बच्चे को 200 ग्राम दूध का मानक निर्धारित है। बीएसए ने कहा कि बच्चों की सेहत के लिए दूध काफी फायदेमंद है। इसलिए शिक्षक यह प्रयास करें कि तय शेड्यूल के मुताबिक बच्चों को दूध का वितरण कराएं। बीएसए ने बच्चों को बैग भी वितरित किया। इस दौरान डीसी एमडीएम रितुराज सिंह, शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजीव त्रिपाठी, विवेक श्रीवास्तव समेत कई अधिकारी व शिक्षक मौजूद थे।