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लेखपाल विहीन हो गए हाटा के 60 गांव

?तहसील क्षेत्र के 16 लेखपालों की ओर से अतिरिक्त कार्यभार छोड़ दिए जाने से करीब 60 गांव लेखपाल विहीन हो गए हैं। इन गांवों में वरासत जाति आय व निवास प्रमाण पत्र के लिए किए गए आवेदनों पर रिपोर्ट नहीं लग पा रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 11:42 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 11:42 PM (IST)
लेखपाल विहीन हो गए हाटा के 60 गांव
लेखपाल विहीन हो गए हाटा के 60 गांव

कुशीनगर: तहसील क्षेत्र के 16 लेखपालों की ओर से अतिरिक्त कार्यभार छोड़ दिए जाने से करीब 60 गांव लेखपाल विहीन हो गए हैं। इन गांवों में वरासत, जाति, आय व निवास प्रमाण पत्र के लिए किए गए आवेदनों पर रिपोर्ट नहीं लग पा रही।

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किसान खसरा-खतौनी के नकल के लिए परेशान हैं तो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्र-छात्राएं जाति व आय प्रमाण पत्र के लिए तहसील का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। संगठन के आह्वान पर शासन की ओर से मांगों को न माने जाने से नाराज हाटा तहसील के 16 लेखपालों ने बीते मंगलवार को संपूर्ण समाधान दिवस में पांच दर्जन से अधिक गांवों का अतिरिक्त कार्य भार छोड़ दिया। संबंधित गांवों का बस्ता उन्होंने तहसील कार्यालय में जमा कर दिया। इससे संबंधित गांवों के लोगों की वरासत, जाति, आय व निवास प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी की नकल, पैमाइश आदि कार्य ठप हो गया है। लालीपार के प्रधान अवधेश पटेल, डुमरी सवांगीपट्टी के मधुसूदन यादव, अजय सिंह, डुमरी के बलराम यादव आदि ने कहा कि झांगा, बेलवा सुदामा, खझवां, सिघना, सिंहपुर, लक्ष्मीनरायनपुर समेत 60 गांवों में लेखपाल नहीं हैं। इस वजह से कार्य प्रभावित हो रहा है। लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने कहा कि सरकार लेखपाल संघ की मांगों को अनसुना कर रही है। इस वजह से संघ ने अतिरिक्त कार्य करने से मना कर दिया है।

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प्रदेश में कई जगहों पर इस तरह की समस्या खड़ी हुई है। मामले में शासन स्तर से ही निर्णय लिया जाना है।

प्रमोद कुमार तिवारी, एसडीएम हाटा।


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