विश्व शांति के लिए बुद्ध के सिद्धांतों का अनुपालन जरूरी : भंते नंदरतन
विश्व शांति दिवस के अवसर पर शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली कुशीनगर विश्व में शांति और मैत्री की स्थापना के लिए भारतीय और विदेशी बौद्ध भिक्षुओं ने महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर में विशेष प्रार्थना की व कैंडल मार्च निकाला
कुशीनगर: विश्व शांति दिवस के अवसर पर शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली कुशीनगर विश्व में शांति और मैत्री की स्थापना के लिए भारतीय और विदेशी बौद्ध भिक्षुओं ने महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर में विशेष प्रार्थना की व कैंडल मार्च निकाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के पूर्व अध्यक्ष भंते नंदरतन ने कहा कि पृथ्वी पर शांति और अ¨हसा स्थापित करने के लिए 21 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित विश्व शांति दिवस प्रति वर्ष मनाया जाता है। संपूर्ण विश्व में शांति की स्थापना यूएनओ का प्रमुख लक्ष्य है। भगवान बुद्ध ने विश्व को शांति और मैत्री का संदेश दिया था। वे विश्व शांति दूत थे। उन्होंने शांति और मैत्री के बल पर ही अपने विरोधियों का हृदय परिवर्तन किया था। आज व्यक्ति प्रतिदिन शांति से दूर होता चला जा रहा है। ऐसे में बुद्ध के सिद्धांतों को अंगीकार करके ही विश्व में शांति,मैत्री व करुणा की स्थापना की जा सकती है। इस अवसर पर थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री के पी. सोंगक्रान, भंते नंदिका, भंते अशोक, भंते समिथा, भंते शीलानंद, भंते वन्ना, भंते शीलवंश, भंते शीलनंद बोधि, टीके राय, ओम प्रकाश कुशवाहा, डोलराज, प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश यादव, राहुल आदि उपस्थित रहे।